हादसा या हमला… कैसे हुआ 9 लोगों की जान लेने वाला नौगाम पुलिस स्टेशन ब्लास्ट? दूर तक थर्राई धरती | 10 बातें

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में देर रात हुए भीषण धमाके ने पूरे जम्मू–कश्मीर को हिला दिया. इस विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 29 लोग घायल बताए जा रहे हैं. धमाका इतना जोरदार था कि थाना परिसर की इमारत का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.
शुरुआती जांच में पता चला है कि परिसर में जब्त किया गया अमोनियम नाइट्रेट रखा था, जिसकी फॉरेंसिक टीम जांच कर रही थी. इसी के फटने की आशंका जताई जा रही है.
जांच के लिए बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे
धमाके की सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंच गईं. DGP नलिन प्रभात ने घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की. सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली और स्निफर डॉग की मदद से जांच शुरू कर दी. IG CRPF पवन कुमार शर्मा और IGP कश्मीर विदि कुमार बर्डी भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया.
नौगाम थाना ब्लास्ट की 10 बड़ी बातें
विस्फोट नमूना जांच के दौरान हुआ
धमाका शुक्रवार देर रात नौगाम पुलिस स्टेशन में उस समय हुआ जब फोरेंसिक टीम संग्रहीत विस्फोटकों का सैंपल ले रही थी. ये वही स्टेशन है जो फरीदाबाद आतंक मॉड्यूल केस को संभाल रहा था. पुलिस अभी यह साफ नहीं कह रही कि ब्लास्ट आकस्मिक था या किसी साजिश के तहत हुआ.
27 लोग घायल, ज्यादातर पुलिसकर्मी
इस विस्फोट में करीब 27 लोग घायल हुए, जिसमें 24 पुलिसकर्मी और 3 नागरिक शामिल हैं. कई घायलों को गंभीर जलने और शॉक की वजह से श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
फरीदाबाद से लाए गए विस्फोटक की जांच के दौरान हादसा
विस्फोटक सामग्री हरियाणा के फरीदाबाद से फोरेंसिक जांच के लिए लाई गई थी. ये वही विस्फोटक थे जो ‘सफेदपोश आतंक मॉड्यूल’ की जांच के दौरान जब्त किए गए थे और जिन्हें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़ा बताया जा रहा है.
कैश में 360 किलो रसायन मिले थे
जांच टीम ने पहले ही इस मॉड्यूल के एक आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल गनाई के किराए के घर से 360 किलो रसायन पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर, अमोनियम नाइट्रेट और बम बनाने की सामग्री जब्त की थी. इनके नेटवर्क से करीब 3,000 किलो विस्फोटक मिलने की भी बात सामने आई थी.
धमाके से थाना इमारत को बड़ा नुकसान
मध्यरात्रि हुए इस विस्फोट ने पुलिस स्टेशन की खिड़कियां तोड़ दीं, दीवारें हिल गईं और स्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचा. धमाका इतना जोरदार था कि पूरे इलाके की शांति भंग हो गई और तुरंत एंबुलेंस और पुलिस वाहन मौके पर पहुंचे.
नौगाम में पोस्टरों से शुरू हुआ था पूरा मामला
यह मॉड्यूल पुलिस की नजर में तब आया जब अक्टूबर में नौगाम के बुनपोरा इलाके में सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर लगाए गए. उसी आधार पर 19 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया और जांच आगे बढ़ी.
CCTV ने खोला पहला सुराग
पोस्टर लगाने वालों की पहचान CCTV फुटेज को फ्रेम-दर-फ्रेम देखकर हुई. इनमें निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-आशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद शामिल थे. इनका पत्थरबाज़ी का पुराना रिकॉर्ड भी था.
पूछताछ में बड़ा नेटवर्क सामने आया
इनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बड़ा प्लॉट खुला और शोपियां के एक पूर्व पैरामेडिक से मौलवी बने इरफान अहमद तक पुलिस पहुंची, जो पोस्टर सप्लाई करने और युवा डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल था.
फरीदाबाद कनेक्शन और डॉक्टरों का कोर मॉड्यूल
जांच फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची जहाँ से डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई और शाहीन सईद को पकड़ा गया. इस मॉड्यूल का कोर तीन डॉक्टर बताए गए. मुजम्मिल गनाई, उमर नबी और मुजफ्फर राथर. चौथे आरोपी डॉक्टर अदील राथर से AK-56 भी बरामद हुई.
दिल्ली के कार ब्लास्ट से भी जुड़ा एंगल
नौगाम धमाका दिल्ली में 4 दिन पहले हुए घातक कार विस्फोट से जुड़ता दिख रहा है, जिसमें 13 लोग मारे गए थे. CCTV फुटेज के मुताबिक लाल किले के पास विस्फोट वाली कार को इस मॉड्यूल का सदस्य उमर चला रहा था. एजेंसियों का कहना है कि मॉड्यूल पर बढ़ते दबाव और पकड़े जाने के डर ने इस घटना को अंजाम दिया.



