दिल्ली आतंकी धमाके को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा, पवन खेड़ा ने कहा – ‘कब जिम्मेदारी लेंगे अमित शाह’

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए सोमवार (10 नवंबर, 2025) को हुए भीषण आतंकवादी हमले में मारे गए 13 निर्दोष नागरिकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है. पार्टी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर खुफिया तंत्र की बार-बार की नाकामी और देर से आधिकारिक पुष्टि करने का गंभीर आरोप लगाया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ”राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए इस धमाके को आतंकवादी हमला मानने में केंद्रीय मंत्रिमंडल को पूरे 48 घंटे लग गए. तीन दिन तक देश भ्रम और अटकलों के बीच भटकता रहा. जनता जानना चाहती है कि सरकार को इसे आतंकवादी हमला कहने में इतनी देरी क्यों हुई? और सबसे बड़ी बात राष्ट्रीय राजधानी में एक और आतंकवादी हमले को रोकने में सरकार नाकाम क्यों रही?”
कांग्रेस नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस आतंकी हमले को खुफिया विफलताओं की शर्मनाक कड़ी करार देते हुए सात महीने पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘इतने बड़े पैमाने पर विस्फोटक (करीब 2,900 किलोग्राम) राष्ट्रीय राजधानी तक कैसे पहुंच गए? क्या गृह मंत्री अमित शाह इन विफलताओं की जिम्मेदारी लेंगे?’
एक के बाद एक आतंकी हमले, फिर भी कुर्सी पर बने हैं शाह- पवन खेड़ा
पवन खेड़ा ने कहा कि देश में एक के बाद एक आतंकी हमले हुए, फिर भी कुर्सी पर अमित शाह बने हुए हैं. उन्होंने गृह मंत्री के कार्यकाल में हुए प्रमुख आतंकवादी हमलों की लंबी लिस्ट गिनाई, जिसमें 2015 में गुरदासपुर हमला, 2016 में पठानकोट एयर बेस, पम्पोर, उरी और नागरोटा हमला, 2017 में अमरनाथ यात्रा हमला, 2019 में पुलवामा आतंकी हमला, 2023 में राजौरी हमला, 2024 में रीसी हमला, 2025 के अप्रैल महीने में पहलगाम आतंकी हमला और अब 2025 के ही नवंबर महीने में दिल्ली लाल किला आतंकी हमला शामिल है.
इस चूक का जिम्मेदार कौन?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सिलसिलेवार सवाल दागते हुए कहा, ‘इतनी चेतावनियों के बावजूद खुफिया तंत्र बार-बार ध्वस्त क्यों हो रहा है? पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने क्या सीखा? 2,900 किलो विस्फोटक दिल्ली तक बेरोकटोक कैसे पहुंचा? इस चूक का जिम्मेदार कौन?’
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