दिल्ली ब्लास्ट से पहले उमर ने कहां गुजारी रात, कहां लगाए चक्कर, कार में सोया, 50 CCTV फुटेज ने डिकोड कर दिया पूरा रूट

दिल्ली पुलिस को अब उस आतंकवादी डॉक्टर उमर उन नबी की गतिविधियों की पूरी ट्रेल मिल चुकी है, जिसने 10 नवंबर को लाल किले के पास धमाका किया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने करीब 50 से ज्यादा जगहों के CCTV फुटेज खंगाले हैं, जिनमें डॉक्टर उमर की गाड़ी की मूवमेंट दर्ज है.
पुलिस की मैपिंग के अनुसार, उमर ने फरीदाबाद से दिल्ली में घुसने के बाद कई इलाकों का चक्कर लगाया. वह पहले साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में दिखा, फिर ईस्ट डिस्ट्रिक्ट, उसके बाद सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की रिंग रोड पर घूमता हुआ नजर आया. वहां से वह नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट गया, फिर अशोक विहार (नॉर्थ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट) में कुछ खाने के लिए रुका. इसके बाद वह दोबारा सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट लौटा, जहां एक मस्जिद में गया और फिर वहां से 3:19 बजे लाल किला पार्किंग एरिया पहुंचा जहां शाम करीब 7 बजे धमाका हुआ.
फरीदाबाद से फरार होने के बाद कहां गया था उमर?
जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके से पहले उमर ने फरीदाबाद से फरार होने के बाद मेवात और फिरोजपुर झिरका तक सफर किया था. इसके बाद वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के रास्ते वापस दिल्ली लौटा. रास्ते में उसने एक ढाबे पर रात गुजारी और कार में ही सोया. दिल्ली-मुंबई हाइवे के कई CCTV कैमरों में उसकी कार की फुटेज दिखी है, जिससे एजेंसियों ने उसकी ट्रैकिंग दोबारा कन्फर्म की.
जांच ऐसेंसियों को इस बात का शक
पुलिस अब इन फुटेज की फॉरेंसिक जांच करा रही है ताकि धमाके से पहले और बाद के उसके संपर्कों का पूरा नेटवर्क सामने लाया जा सके. जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर का यह सफर एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था ताकि वह निगरानी से बच सके और अपने अंतिम मिशन को अंजाम दे सके.
उमर के परिवार ने उसके बारे में क्या बताया?
उमर की जिंदगी रहस्यों से भरी हुई थी. वह महीनों तक घर से दूर रहता, फोन बंद रखता और अचानक गायब हो जाता. ये सब उसकी आदत बन गई थी. सूत्रों का कहना है कि वह अक्सर कहता था कि वह बहुत जरूरी काम कर रहा है और किसी को उसे परेशान नहीं करना चाहिए. परिवार को उसने सोमवार को घर लौटने का वादा किया था, लेकिन उससे पहले ही दिल्ली धमाके से हिल गई.
परिवार वालों के मुताबिक, उमर शांत और पढ़ाई में आगे रहने वाला इंसान था. उसे क्रिकेट खेलने का शौक था और वह बच्चों के साथ खूब समय बिताता था. परिवार ने बताया कि उन्होंने उमर को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया, ताकि वह एक बेहतर जिंदगी जी सके और अपने पैरों पर खड़ा हो सके.
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