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बिहार चुनाव: कटिहार जिले में बंपर वोटिंग, प्राणपुर सीट पर 81%, चार सीटों पर 79% से ज्यादा मतदान


बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम फेज में मंगलवार (11 नवंबर) को लगभग 69 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान हुआ. कटिहार जिले में बंपर वोटिंग हुई है. इस जिले में औसतन 78.88 फीसदी मतदान दर्ज हुआ. यहां की एक सीट पर तो करीब 81 फीसदी लोगों ने वोट किया. बरारी विधानसभा सीट पर 80.98 फीसदी वोटिंग हुई है.

कटिहार जिले में विधानसभा की कुल 7 सीटें हैं. दूसरे फेज के चुनाव में यहां की ऐसी पांच सीटों पर 79 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. इनमें कोढ़ा, प्राणपुर, बरारी, बलरामपुर और मनिहार विधानसभा की सीटें शामिल हैं. 

कटिहार में कहां कितना हुआ मतदान?

बिहार में दूसरे फेज के चुनाव में कटिहार जिले की कदवा विधानसभा सीट पर 75.57 फीसदी मतदान हुआ. वहीं कटिहार विधानसभा क्षेत्र में 75.49 फीसदी लोगों ने वोट किया. कोढ़ा में 79.35 फीसदी लोगों ने मतदान किया. इसके अलावा प्राणपुर विधानसभा सीट पर 81.01 फीसदी वोटिंग हुई. बरारी सीट पर 80.98 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. बलरामपुर सीट पर 79.44 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं मनिहारी सीट पर 79.72 फीसदी मतदान हुआ.

किन-किन सीटों पर 79 फीसदी से अधिक वोटिंग?

  • कोढ़ा विधानसभा सीट- 79.35% मतदान
  • प्राणपुर विधानसभा सीट-81.01% मतदान
  • बरारी विधानसभा सीट-80.98% मतदान
  • मनिहारी विधानसभा सीट-79.72 % मतदान
  • बलरामपुर विधानसभा सीट-79.44% मतदान

14 नवम्बर को आएंगे नतीजे

बिहार चुनाव के नतीजे 14 नवम्बर को घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेंगे कि जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक और कार्यकाल हासिल करेंगे या पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिन्होंने 20 वर्षीय शासन को ‘खटारा गाड़ी’ करार दिया था, सत्ता की कमान अपने हाथ में लेते हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि दूसरे और अंतिम फेज में राज्य में 68.79 प्रतिशत (अनंतिम) मतदान दर्ज किया गया.

दोनों फेज को मिलाकर कुल औसत मतदान प्रतिशत 66.90 (अनंतिम) रहा, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.29 प्रतिशत मतदान हुआ था. सुबह से ही मतदान ने जोर पकड़ा और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े छह नवंबर को पहले चरण में दर्ज मतदान प्रतिशत को लगातार पीछे छोड़ते गए, जब 121 सीटों पर 65.09 प्रतिशत का अब तक का सर्वोच्च मतदान दर्ज किया गया था. 

किसका प्रदर्शन रहेगा बेहतर?

‘इंडिया’ गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव और उनके सहयोगियों का कहना है कि यह भारी मतदान सरकार विरोधी लहर का संकेत है, जबकि बीजेपी नेता एवं बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि भारी मतदान का अर्थ जरूरी नहीं कि बदलाव हो और कई बार मौजूदा सरकारें भी अधिक मतदान के बाद सत्ता में लौटती हैं. जिन जिलों में पहले और दूसरे दोनों चरणों में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, वे सभी गंगा के उत्तर के घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं जहां पारंपरिक रूप से NDA का प्रदर्शन अच्छा रहा है. हालांकि शीर्ष तीन जिले-किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिम आबादी अधिक है और ये सभी जिले पिछली बार ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में गए थे.

हालांकि शीर्ष तीन जिले-किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिम आबादी अधिक है और ये सभी जिले पिछली बार ‘इंडिया’ गठबंधन के पक्ष में गए थे. NDA और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच इस कड़ी टक्कर में पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी अपनी ‘जन सुराज पार्टी’ के साथ मैदान में हैं. उनकी पार्टी शिक्षा, रोजगार और ‘पलायन-मुक्त बिहार’ के वादे के साथ खुद को एक विकल्प के रूप में पेश कर रही है. हालांकि नीतीश कुमार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA ‘अच्छे शासन’ की उनकी छवि पर भरोसा जता रहा है.  दूसरे चरण में नीतीश कैबिनेट के 8 मंत्री मैदान में थे, जिससे यह चरण सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों के लिए बेहद अहम रहा.

AZMI DESK

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