Explained: क्या दिल्ली धमाका फिदायीन हमला, क्या भारत को पहले मिली किसी हमले की धमकी, जानें 5 जरूरी सवालों के जवाब

11 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली कार धमाके की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA को सौंप दी है. ऐसे में आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे कि क्या वाकई यह कोई फिदायनी हमला है, या फिर ये धमाका फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा तो नहीं. यह धमाका इतना भयानक था कि लोगों के मांस के टुकड़े सड़क से बीने गए, फिर भी सड़क पर गड्ढा क्यों नहीं हुआ?
तो आइए ABP एक्सप्लेनर में एक्सपर्ट्स से ऐसे ही 5 जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं…
सवाल 1- क्या दिल्ली कार धमाका फिदायीन हमला था?
जवाब- न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली कार धमाका एक फिदायीन हमला था. फिदायीन हमले का मतलब आत्मघाती हमला होता है. संदिग्ध ने फरीदाबाद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होते ही आत्मघाती हमले की योजना बना ली थी.
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जो FIR दर्ज की है, उसमें UAPA की धारा 16 और 18 लगाई है. ये धाराएं आतंकवाद और उसकी सजा से जुड़ी हैं. इसके अलावा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी लगाई है. यानी जांच एजेंसियां फिदायीन हमले के पहलू से भी जांच कर रही हैं.
हालांकि, इंडियन आर्मी के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ कहते हैं, ‘अभी इस बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है और न ही किसी ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी ली है. जब भी फिदायीन हमला होता है, तो कोई संगठन इसकी जिम्मेदारी लेता है.’
सवाल 2- इतने भयंकर धमाके में भी सड़क पर गड्ढा क्यों नहीं हुआ?
जवाब- i20 कार में हुए धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास की 6 गाड़ियां और 3 ऑटोरिक्शा जल गए. स्ट्रीट लाइटें फूट गईं, लाल किला मेट्रो स्टेशन और आसपास की दुकानों के कांच फूट गए. इस धमाके में मृत लोगों के मांस के टुकड़े सड़क से बटोरे. लेकिन इसके बावजूद सड़क पर गड्ढा नहीं हुआ.
- प्रारंभिक जांच के मुताबिक, यह एक पारंपरिक बम ब्लास्ट (जैसे IED या हाई-एक्सप्लोसिव बम) जैसा नहीं रह रहा, विस्फोट ऊपर की तरफ होता है और जमीन में गहरा गड्ढा बन जाता है. यहां विस्फोट मुख्य रूप से गाड़ी के अंदर ही केंद्रित था, जो ऊपर और चारों तरफ फैला, न कि नीचे की तरफ. इससे सड़क पर दबाव कम पड़ा.
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्लास्ट एक धीरे चल रही i20 कार में हुआ, जो रेड लाइट पर रुकने वाली थी. अगर विस्फोट जमीन पर होता, तो गड्ढा बन सकता था, लेकिन कार के अंदर होने से ऊर्जा गाड़ी की बॉडी, आसपास की हवा और वाहनों में बंट गई. चलती या ऊंचाई पर विस्फोट होने पर क्रेटर नहीं बनता है.
- अभी तक कोई शरपनेल (धातु के टुकड़े), पेलट्स या नाखून नहीं मिले, जो आमतौर पर आतंकी बमों में होते हैं. यह अमोनियम नाइट्रेट का धमाका हो सकता है, जो ज्यादा ऊर्जा ऊपर की तरफ छोड़ता है. ऐसी परिस्थिति तब बनती है, जब धमाका जमीन पर हो. जैसे 1995 ओक्लाहोमा सिटी बमिंग में क्रेटर बना, क्योंकि यह जमीन पर था. लेकिन 2010 पुणे ब्लास्ट में गड्ढा नहीं बना क्योंकि यह सड़क पर नहीं था.
सवाल 3- क्या दिल्ली धमाका फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा है?
जवाब- यह ब्लास्ट में जिस सफेद i20 कार का इस्तेमाल हुआ, उसका CCTV फुटेज सामने आया. इसमें मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से निकल रही कार में काला मास्क पहने एक शख्स बैठा दिखाई दिया. पुलिस के मुताबिक, कार में बैठे शख्स का नाम डॉ. मोहम्मद उमर नबी था, जो पुलवामा का रहने वाला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उमर ने विस्फोटकों के साथ खुद को उड़ा लिया. उसके DNA टेस्ट के लिए कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में उसकी मां और दो भाई को हिरासत में लिया है. पुलवामा से उसके दोस्त डॉ. सज्जाद और पिता को भी हिरासत में लिया गया है. न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि पुलिस को शुरुआती जांच से पता चला है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया.
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को शक है वह हरियाणा के फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा था. दिल्ली में धमाके से कुछ घंटे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़े 3 तीन डॉक्टरों सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक, एक असॉल्ट और एक AK-47 राइफल जब्त हुए थे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने ANI से कहा, ‘मुझे लगता है कि इन सभी डॉक्टरों (विस्फोटक जब्ती और विस्फोट मामले में गिरफ्तार) के मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद डॉ. उमर एक सुसाइड अटैकर बन गया. यह जैश के मॉड्यूल के जरिए ISI की साजिश हो सकती है. वे कुछ करने के लिए बेताब थे क्योंकि 2014 के बाद वे भारत के अंदरूनी इलाकों में कोई बड़ी वारदात अंजाम नहीं दे पाए थे.’
एसपी वैद ने आगे कहा, ‘यह साजिश एक दिन में नहीं रची गई, इसे कई महीनों में अंजाम दिया गया. दरअसल, कश्मीर घाटी में डॉक्टर बनना युवाओं का सबसे बड़ा सपना होता है. देश को देखना होगा कि वह इस मोर्चे पर क्या कर रहा है.’
सवाल 4- क्या किसी आतंकी संगठन ने ने भारत में हमले की धमकी दी थी?
जवाब- जैश-ए-मोहम्मद ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई बार भारत में कुछ बड़ा करने की धमकियां दी थीं…
- सितंबर 2025 में जैश-ए-मोहम्मद के डिप्टी कमांडर चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने पीएम मोदी को धमकी देते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ेगा.
- 15 सितंबर को उत्तर प्रदेश ATS ने सहारनपुर से बिलाल अलकायदा को गरिफ्तार किया था. वो आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा था.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में PoK में एक हाई-लेवल मीटिंग हुई थी. इसमें ISI, जमात-ए-इस्लामी और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी शामिल थे. इसमें ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने की योजना को अंतिम रूप दिया गया था.
- अक्टूबर 2025 में सैफुल्लाह सैफ का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो दावा कर रहा था कि हाफिज सईद खाली नहीं बैठे हैं, वो बांग्लादेश के रास्ते भारत पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं.
- 8 नवंबर को गुजरात में हैदराबाद के 35 साल के डॉक्टर अहमद मोइयुद्दीन सैय्यद को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 2 ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद किए थे.
सवाल 5- क्या दिल्ली कार धमाका गलती से हुआ, किसी और जगह बड़े हमले की तैयारी थी?
जवाब- एक्सपर्ट्स इस जवाब पर खुली राय नहीं रख पा रहे क्योंकि इस पर राय देना बहुत मुश्किल है. यह कार हरियाणा नंबर पर रजिस्टर्ड थी. जिसे लेकर अंदाजा है कि पुलवामा का उमर चला रहा था. यह कार लाल किले के पास एक सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में करीब 3 घंटे तक खड़ी रही और फिर जैसे ही सड़क पर चली तो सिग्नल से पहले ही धमाका हो गया. इस मूवमेंट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि टारगेट कोई और जगह हो सकती है. लेकिन कुछ भी कहना मुश्किल है.



