EXPLAINED: बेंगलुरु जेल में कैदियों की पार्टी! ₹2 लाख महीना में सिगरेट, टीवी, फ्रिज सब मिलता, जेल में ऐसे होती है ऐश?

8 नवंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें बेंगलुरु की पराप्पना अग्रहरा सेंट्रल जेल में कैदी गाना गाते, नाचते और पार्टी करते दिखे. शराब की बोतलें खिड़की पर सजी हुई थीं, कुछ कैदी जमीन पर बैठकर बर्तन बजा रहे थे तो 5-6 चिल्लाते हुए नाच रहे थे. एक डिस्पोजल ग्लास में शराब, प्लेट में कटे फल और तली मूंगफती भी दिखाई दी. ISIS आतंकी जुहैब हमीद शकील मन्ना फोन चला रहा था, तो 20 रेप और मर्डर करने वाला उमेश रेड्डी कॉल पर बात कर रहा था. यानी अब जेल किसी 5 स्टार होटल से कम नहीं, क्योंकि कैदियों को सजा नहीं, मजे मिल रहे हैं.
तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि भारत की जेल में कैदी कैसे रहते, बैरक में कितनी जगह मिलती और जेल की लग्जरी लाइफ की हकीकत क्या है…
सवाल 1- भारत की जेल में कैदियों का दिन कैसे शुरू होता है?
जवाब- जेलों और कारागारों के प्रशासन और प्रबंधन की नियम पुस्तिका ‘जेल मैनुअल‘ के मुताबिक, सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही जेल की सेल खोली जाती है. इस वजह से सुबह 6 बजे ही सभी कैदियों को उठना पड़ता है. सुबह 7 बजे के आसपास नाश्ते के बाद दोपहर में लंच और शाम करीब 6 बजे तक डिनर हो जाता है. सूर्यास्त होने के बाद सभी कैदियों की गिनती के बाद दोबारा सेल में भेज दिया जाता है. 8 बजे के आसपास लाइट बंद कर दी जाती है.
सवाल 2- जेल में कैदियों को खाने में क्या मिलता है?
जवाब- खाने का मेन्यू हर जेल के हिसाब से बदलता रहता है. कैदियों को मौसमी सब्जियां भी खाने को दी जाती हैं. नाश्ते में चाय, पोहा, ब्रेड, चना, बिस्किट या उपमा दिया जाता है. लंच और डिनर में दाल-चावल, सब्जी और 2-4 रोटियां दी जाती हैं. त्योहारों पर मेन्यू में कुछ स्पेशल रखा जाता है.
लेकिन यह सिर्फ किताबी बातें हैं. रिटायर्ड IPS ऑफिसर और उत्तर प्रदेश के DGP रह चुके डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, ‘भारत की जेलों के बहुत खराब हालात हैं. जेल मैनुअल के हिसाब से कैदियों को पौष्टिक खाना (रोजाना 2500 कैलोरी) मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत में बहुत घटिया खाना दिया जाता है. तिहाड़ जेल से लेकर यूपी की जेल तक यही हाल है.’
सवाल 3- जेल में कैदी दिनभर क्या-क्या करते हैं?
जवाब- जेल का पूरा कामकाज कैदी ही करते हैं. साफ-सफाई, खाना बनाना, खाना परोसना जैसे दिनचर्या के कामों के लिए कैदियों की ड्यूटी लगाई जाती है. इसके अलावा माली, कुक और धोबी जैसी ड्यूटी भी दी जाती है. बड़ी जेलों में कैदियों के काम करने के लिए छोटी-छोटी फैक्ट्रियां भी होती हैं. इनमें सिलाई और गुलाल बनाने जैसे काम करवाए जाते हैं. इस काम के बदले कैदियों को मेहनताना दिया जाता है.
सवाल 4- क्या कैदी घर से पैसे मंगवा सकते हैं और जेल में पैसों की क्या जरूरत होती है?
जवाब- हर कैदी घर से हर महीने अधिकतम 4,500 रुपए तक मंगवा सकता है, वो भी मनीऑर्डर के जरिए. यह किसी भी कैदी को एक महीने में दिए जाने वाले पैसे की अधिकतम सीमा है.
अब आप सोच रहे होंगे कि जेल में आप पैसों का करेंगे क्या? तो डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, ‘जेल में एक स्टोर होता है, जिसमें आप कूपन के जरिए खरीदारी कर सकते हैं. ये कूपन आप पैसों से खरीदे जाते हैं. इसे आप जेल के अंदर की करंसी समझिए और ये नॉन ट्रांसफरेबल होते हैं. यानी इनका इस्तेमाल सिर्फ वही कर सकता है, जिसने इन्हें खरीदा है. ये कूपन 2, 5, 10 और 20 रुपए तक के हो सकते हैं. एक समय पर आप 2 हजार रुपए तक के ही कूपन अपने साथ रख सकते हैं.’
सवाल 5- जेल की लग्जरी लाइफ की हकीकत क्या है?
जवाब- डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, ‘जेल में किसी कैदी को दी जाने वाली लग्जरी लाइफ प्रशासन का काला सच है. लेकिन यह हकीकत कोई नहीं मानता है. भारत की जेलों में दो तरह की सुविधाएं होती हैं. एक वो जो हर कैदी को कानूनन मिलती हैं और दूसरी वो जो पैसे देकर या रिश्वत देकर मिल जाती है. कानून कहता है कि सभी कैदियों को बराबर ट्रीटमेंट मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत में अमीर, राजनेता या बड़े अपराधी पैसे से सब खरीद लेते हैं. अगर टीवी की बात करें तो आम बैरक में 100-150 कैदियों पर एक टीवी होता है, वो भी सिर्फ दूरदर्शन या 2-3 चैनल चलते हैं. लेकिन VIP बैरक या हाई-प्रोफाइल कैदियों को अपना पर्सनल टीवी मिल जाता है.‘
- मुंबई की आर्थर रोड जेल बैरक नंबर 12 में 40 इंच की LED टीवी लगी रहती है. संजय दत्त जब जेल में थे, तो उन्हें भी टीवी मिला था. यह कैंटीन से नहीं मिलता, बल्कि 5 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए हर महीने रिश्वत देना पड़ती है. तिहाड़ के हाई-रिस्क वॉर्ड के कॉमन रूम में टीवी है, लेकिन पर्सनल के लिए पैसे लगते हैं.
- फ्रिज की बात करें तो ये आम कैदियों को बिल्कुल नहीं मिलता. सिर्फ VIP या बहुत अमीर कैदियों को मिलता है. जैसे तिहाड़ में अमर सिंह को मिला था, जिसके लिए 10,000-15,000 रुपए महीना लगता है.
- कूलर कभी-कभी मिल जाता है, खासकर गर्मी में डॉक्टर की सलाह या पैसे देकर. तिहाड़ के पूर्व जेलर सुनीत गुप्ता नते 2025 में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने कई कैदियों के पास कूलर देखा है. लेकिन AC बचहुत रेयर है, जो सिर्फ सुपर VIP को मिलता है. कूलर के लिए 5 हजार से 10 हजार रुपए तो AC के लिए 20 हजार से 50 हजार रुपए महीना रिश्वत देनी होती है.
- आम कैदी फर्श पर चटाई बिछाकर सोते हैं, लेकिन VIP को गद्दा, तकिया और चादर भी मिल जाती है.
- जेल में सबसे ज्यादा आसानी से मिलने वाली चीज सिगरेट है. जेल कैंटीन में बीड़ी-सिगरेट बिकती है. तिहाड़ कैंटीन में एक पैकेट सिगरेट 80-150 रुपए में मिलता है. लेकिन बाहर वाली ब्रांड चाहिए तो रिश्वत देकर मंगाना पड़ती है. कैंटीन से नॉर्मल रेट में मिलती है, लेकिन बाहर से लाने के लिए 500-1,000 रुपए एक्स्ट्रा लगते हैं.
- फोन रखने पर सबसे सख्त बैन है. कानूनन कैदियों को मोबाइल रखने पर 3 साल एक्स्ट्रा जेल हो सकती है. लेकिन हकीकत में हर जेल में फोन चलता है. जैसे अभी बेंगलुरु जेल में जुहैब और उमेश के हाथों में दिखा. तिहाड़ में भी हजारों फोन पकड़े जाते हैं. एक फोन इस्तेमाल करने के लिए जेल स्टाफ को 10,000-30,000 रुपए महीना देना पड़ता है. चार्जिंग के लिए अलग पैसे लगते हैं. कानूनी तरीका सिर्फ ऑनलाइन वीडियो कॉल है, जो फ्री है.
- जेल में अगर आपको मारपीट नहीं करनी और ऐसे झगड़ों से बचकर रहना है तो भी पैसे लगते हैं, अगर घर से खाना मंगाना है तो 10 हजार रुपए रोजाना रिश्वत देनी होती है.
डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, ‘जेल में कानूनन सिर्फ बेसिक फेसिलिटीज मिलती है यानी फर्श पर सोना, पानी वाली दाल और 100 लोगों पर एक टीवी, लेकिन अगर पैसे हैं तो जेल 5 स्टार होटल बन जाती है. अगर हर महीने 50 हजार रुपए से 2 लाख रुपए खर्च करो तो सब मिल जाएगा. इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि अमीर के लिए जेल में हर लग्जरी है, लेकिन गरीब के लिए कुछ नहीं.‘
सवाल 6- कोई कैदी अपने घरवालों से कब और कैसे मिल सकता है?
जवाब- कोई भी कैदी 2 तरीकों से मिल सकता है…
- आमने-सामने की मुलाकात: हर कैदी हफ्ते मे 1 या 2 बार किसी से मिल सकता है. अंडरट्रायल कैदी हफ्ते में 2-3 बार मिल सकता है. एक बार में 30 से 45 मिनट तक बात कर सकते हैं. एक साथ अधिकतम 3 लोग मिल सकते हैं. कैदी और परिजन के बीच में शीशा या जाली लगी होती है, जिसे छू नहीं सकते, सिर्फ बात कर सकते हैं. जेल अधिकारी पूरा समय खड़ा रहता है, सुनता रहता है. कोई प्राइवेट बात नहीं हो सकती. मिलने का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक मिलता है.
- वर्चुअली मुलाकात: कोरोना के बाद से कैदी 15-20 मिनट की वीडियो कॉल पर भी अपने परिजनों से बात कर सकते हैं. एक कैदी हफ्ते में दो बार किसी से वीडियो कॉल कर सकता है. कैदी जेल के अंदर से बात करता है. विदेश में हो तो वीडियो नहीं, सिर्फ वॉइस कॉल हफ्ते में एक बार.
सवाल 7- अगर कोई कैदी बीमार पड़ जाए, तो इलाज कैसे मिलता है?
जवाब- कैदियों की हल्की-फुल्की बीमारी के इलाज के लिए जेल में ही एक अलग कमरा बनाया जाता है और एक डॉक्टर भी मौजूद रहता है. हालांकि, गंभीर बीमार होने पर कैदी को अस्पताल ले जाया जाता है.
सवाल 8- क्या हर कैदी का बैरक अलग होता है और उसे कितनी जगह मिलती है?
जवाब- ऐसी जेल जहां महिला और पुरुष कैदी दोनों को रखा जाता है, वहां दोनों को अलग-अलग बिल्डिंग में रखना होता है या फिर एक ही बिल्डिंग के दो पूरी तरह अलग हिस्सों में रखा जाता है. ऐसी जेल जहां 21 साल से कम उम्र के कैदी को रखा जाता है, उन्हें भी वयस्क पुरुष कैदियों से अलग रखा जाता है. इसी तरह विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को भी अलग-अलग रखा जाता है. सिविल कैदियों को क्रिमिनल कैदियों से अलग रखा जाता है.
मध्यप्रदेश की ‘जेल मैनुअल‘ के मुताबिक, प्रदेश की जेल में हर कैदी के लिए 41.806 स्क्वायर मीटर जगह निर्धारित की गई है. कैदियों को 0.76 मीटर चौड़ा बिस्तर दिया जाता है. साथ ही हर बिस्तर का सिरहाना दूसरे बिस्तर के पैरों की दिशा में होता है.
सवाल 9- क्या जेल में कुख्यात कैदी, नए कैदियों पर जुल्म करते हैं?
जवाब- डॉ. विक्रम सिंह कहते हैं, ‘हर बैरक में 2-3 कुख्यात गैंगस्टर होते हैं, जिन्हें बाकी कैदी ‘दादा‘ या ‘भाई‘ बोलते हैं. इनके बाहर गैंग चलते हैं, इसलिए जेल स्टाफ भी डरता है. नया कैदी जब भी आता है, तो सबसे पहले ये ‘दादा‘ लोग उसकी एंट्री फीस मांगते हैं. उससे नगदी, सोने-चांदी की चेन, घड़ी, जूते, घर से लाया हुआ खाना, बिस्किट, नमकीन समेत कई चीजें छीन लेते हैं. अगर नया कैदी इंकार करता है, तो उसे मारपीट समेत कई कई तरीकों से टॉर्चर करते हैं.‘
- मार्च 2025: लखनऊ जेल मे 19 साल का लड़का पहली बार जेल पहुंचा. उसने ‘दादा‘ को सिगरेट नहीं दी, तो रात में 4 कैदियों ने गर्म चाय उसके प्राइवेट पार्ट पर डाल दी. ज्यादातर 16-25 साल के लड़कों को टारगेट किया जाता है.
- जनवरी 2025: तिहाड़ जेल-9 में नया कैदी राकेश चोरी के केस में अंदर आया. उसने 10 हजार रुपए देने से मना किया, तो रात में तिलक नगर गैंग के 7 कैदियों ने लोहे की रॉड से पीटकर दोनों टांगें तोड़ दीं.
- दिसंबर 2024: आगरा सेंट्रल जेल में 17 साल का लड़का मोबाइल चोरी केस में अंदर आया. 3 कुख्यात कैदियों ने 9 दिन तक लगातार रेप किया. जब परिवार वालों ने शोर मचाया, तब ट्रांसफर हुआ.
इसके अलावा 2025 में नोएडा की जेल में एक नए कैदी को 4 दिन तक रोजाना पेशाब में नमक डालकर पिलाया गया, क्योंकि उसने ‘भाई‘ को सलाम नहीं मारा था.
सवाल 10- जेल में कैदियों को क्या अधिकार मिले होते हैं?
जवाब- आमतौर पर जेल में कैदियों को 6 अधिकार मिले होते हैं…
- जीवन रक्षा का अधिकार.
- चिकित्सा का अधिकार.
- जमानत या मुकदमे की सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने और अपनी बात कहने का अधिकार.
- नियमों के अनुसार नातेदारों से मिलने और बात करने का अधिकार.
- वकील से मिलने और बात करने का आधिकार.
- अच्छे आचरण पर सजा का बड़ा हिस्सा काटने के बाद पैरोल का अधिकार.



