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कश्मीर में ऑनलाइन टेरर नेटवर्क का भंडाफोड़, महिला समेत 10 गिरफ्तार, CIK का बड़ा एक्शन


जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) यूनिट ने घाटी में एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए ऑनलाइन टेरर नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. दो दिनों तक चले इस सघन अभियान में, साइबर क्राइम और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में एक महिला समेत दस लोगों को हिरासत में लिया गया है.

यह बड़ी कार्रवाई शनिवार और रविवार (9 नवंबर) को कश्मीर घाटी के पांच जिलों—श्रीनगर, कुलगाम, बारामूला, शोपियां और पुलवामा—में एक साथ की गई.

10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी

CIK के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा, “हमें ऑनलाइन आतंकवाद को बढ़ावा देने और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के बारे में पक्की जानकारी मिली थी. इसी के आधार पर CIK टीमों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से 10 खास जगहों को टारगेट किया.”

यह छापे उन लोगों पर केंद्रित थे जिन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करके हिंसा भड़काने, देश विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप है.

डिजिटल डिवाइस और अहम सबूत जब्त

प्रवक्ता के अनुसार, “हिरासत में लिए गए 10 संदिग्धों में एक महिला भी शामिल है. कार्रवाई के दौरान, आपत्तिजनक सबूतों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया है, जिसमें कई सिम कार्ड, मोबाइल फोन, टैबलेट और अन्य डिजिटल डिवाइस शामिल हैं.”

इन सभी डिवाइस को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. अधिकारियों को उम्मीद है कि बरामद सामग्री से अहम सुराग मिलेंगे, जिससे इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी और आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ होगा.

‘यह बस शुरुआत है’: CIK

CIK ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई डिजिटल खतरों को जड़ से खत्म करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

प्रवक्ता ने कड़ा संदेश देते हुए कहा, “CIK इस बात की पुष्टि करता है कि घाटी भर में यह कार्रवाई ऑनलाइन आतंकवाद और गैरकानूनी डिजिटल गतिविधियों के खिलाफ तेज लड़ाई की बस शुरुआत है. अभी और भी छापे और गिरफ्तारियां जल्द ही होने वाली हैं.”

अधिकारियों ने कहा कि इस ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य कश्मीर के युवाओं को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हैंडलर्स और हिंसक चरमपंथ के प्रभाव से बचाना और घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखना है.

AZMI DESK

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