यमुना प्राधिकरण से आर-पार की लड़ाई के मूड में किसान, राकेश टिकैत ने किया बड़ा ऐलान

ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण से प्रभावित गांवों के किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने की तैयारी कर ली है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने 22 दिसंबर को जीरो पॉइंट पर विशाल महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है, जिसमें नोएडा से लेकर मथुरा, बुलंदशहर, हाथरस और आगरा तक के किसान शामिल होंगे.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के बिरोंडी गांव स्थित बीकेयू कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे बनने के दौरान यमुना विकास प्राधिकरण ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया, लेकिन अब तक उन्हें उनका 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा और 10 प्रतिशत किसान कोटे के प्लॉट नहीं दिए गए हैं. इतना ही नहीं, प्रभावित गांवों की आबादी के निस्तारण की प्रक्रिया भी अधूरी पड़ी है.
‘प्राधिकरण ने नहीं की सुनवाई, सड़कों पर उतरने को मजबूर किसान’
टिकैत ने कहा कि किसानों को लंबे समय से न्याय का इंतजार है, लेकिन सरकार और प्राधिकरण दोनों ने अब तक उनकी सुनवाई नहीं की. ऐसे में अब किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर की महापंचायत में मथुरा, बुलंदशहर, हाथरस, आगरा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हजारों किसान एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगे.
क्या है किसानों की मांग
महापंचायत में किसानों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं जिनमें जेवर से आगरा तक सर्विस रोड का शीघ्र निर्माण, स्थानीय निवासियों को आधार कार्ड के जरिए जेवर टोल से मुक्त प्रवेश की सुविधा, दोनों दिशाओं में सर्विस रोड की व्यवस्था, प्रभावित गांवों की आबादी का निस्तारण और लंबित मुआवजे का भुगतान शामिल है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि अगर 22 दिसंबर की महापंचायत के बाद भी सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर बढ़ाया जाएगा.
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