अंता सीट पर बढ़ीं BJP की मुश्किलें, रामपाल मेघवाल हुए बागी, निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

राजस्थान में अंता विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अटरू से पूर्व विधायक रहे रामपाल मेघवाल ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को नामांकन दाखिल कर दिया है.
रामपाल मेघवाल बीजेपी से बागी होकर चुनावी मैदान में उतरे हैं. रामपाल के चुनाव लड़ने से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि एक तरफ उनका संबंध बीजेपी से भी रहा है तो वहीं एससी समुदाय से उनका ताल्लुक है जिससे कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाई जा सकती है.
रामपाल मेघवाल 2013 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. अटरू सीट पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 20 हजार मतों से चुनाव जीता था. रामपाल के चुनावी मैदान में उतरने से चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
‘बीजेपी ने मेरी अनदेखी की’
रामपाल मेघवाल ने कहा कि मैं जिले में सबसे अधिक मतों से चुनाव जीता था, लेकिन बीजेपी ने मेरी अनदेखी की है और ना ही उसके बाद टिकट दिया. मैं अपने विवेक से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ूंगा और दलित घोषित प्रताड़ित लोगों की पीड़ा को दूर करूंगा. उन्होंने ने कहा कि दलित को उत्साहित करना है और हमेशा आमजन के लिए खड़ा रहूंगा. उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि प्रत्याशी की सही पहचान कर मतदान करें.
त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला
बता दें अंता विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं भाजपा ने मोरपाल सुमन को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा छाबड़ा व देवली उनियारा विधानसभा सीट पर दो विधानसभा चुनाव लड़ चुके निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी चुनावी मैदान में है.
बता दें कि राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होगा. वहीं 14 नवंबर को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.