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दिवाली पर पावन धाम चित्रकूट में 12 लाख श्रद्धालुओं ने किया दीपदान, यहां श्रीराम ने बिताए थे वनवास के 11 वर्ष


पूरे देश में दिवाली के दिन दीपोत्सव की धूम रही है, मध्य प्रदेश के सतना स्थित पावन चित्रकूट धाम में दिवाली के दिन श्रद्धालु भक्ति के रंग में सराबोह नजर आए. देश के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 12 लाख श्रद्धालुओं ने दिवाली के मौके पर सोमवार रात चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के तट पर ‘दीपदान’ किया. दिवाली के दिन चित्रकूट में दीपदान का विशेष महत्व है. 

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण ने अपने 14 साल के वनवास में से लगभग 11 साल चित्रकूट में बिताए, जो मध्यप्रदेश के सतना जिले और उत्तर प्रदेश के कर्वी क्षेत्र में फैला हुआ है और देश के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. ‘दीपदान’ एक अनुष्ठान है जिसमें भक्त भारत में पवित्र नदियों पर तेल के दीपक (दीये) छोड़ते हैं.

पांच दिन में 22 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

सतना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हंसराज सिंह ने कहा, ‘शनिवार को चित्रकूट में शुरू हुए पांच दिवसीय वार्षिक मेले में करीब 22 लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में पवित्र डुबकी लगाई और आने वाले दो दिनों में कई और श्रद्धालुओं के डूबकी लगाने की संभावना है.’

श्रद्धालु लगाते हैं कामतानाथ स्वामी की परिक्रमा

अधिकारी ने बताया कि चित्रकूट के 10 किलोमीटर लंबे हिस्से में श्रद्धालु डेरा डाले हुए हैं और इलाके में पुलिस की कड़ी मौजूदगी है. मध्यप्रदेश में मंदाकिनी नदी के 70 घाट हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश से सटे कर्वी इलाके में स्थित हैं. चित्रकूट जाने वाले तीर्थयात्री लगभग पांच किलोमीटर की परिक्रमा भी करते हैं, जिसमें से लगभग तीन किलोमीटर मध्यप्रदेश में पड़ता है.

चित्रकूट का दीपदान न सिर्फ महोत्सव है, बल्कि आस्था और भक्ति का अद्भुत समागम है. यहां भगवान राम ने पत्नी सीता और भाई के लक्ष्मण के साथ वनवास के 11 साल बिताए थे. यहां की प्राकृतिक सुंदरता चित्रकूट को और भी ज्यादा खास बनाती है.

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AZMI DESK

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