उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण से AQI बिगड़ा, ड्रोन से किया गया पानी का छिड़काव

उत्तराखंड में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है. प्रदेश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है. बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने नया कदम उठाते हुए ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव अभियान शुरू किया है.
रविवार ( 19 अक्टूबर) से देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर में यह अभियान चलाया गया. देहरादून में घंटाघर और अन्य प्रमुख स्थानों पर तीन ड्रोन से छिड़काव किया गया. वहीं, ऋषिकेश और काशीपुर में एक-एक ड्रोन की मदद से कुल 17 स्थानों पर पानी का छिड़काव किया गया. इस कदम का उद्देश्य धूल और धुंध के स्तर को कम करना और लोगों को स्वच्छ हवा मुहैया कराना है.
प्रदूषण से बिगड़ रही उत्तराखंड की हवा
जानकारी के अनुसार बता दें कि पिछले कुछ दिनों में देहरादून का AQI पहले संतोषजनक स्तर पर था, जो अब मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है. 17 अक्टूबर को काशीपुर का AQI संतोषजनक था, लेकिन 18 अक्तूबर को यह मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया. इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश और रुद्रपुर में भी वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है.
ड्रोन के माध्यम से किया जा रहा पानी का छिड़काव
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलाव, धूलकणों की बढ़ोतरी और निर्माण कार्यों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव करने से हवा में उड़ती धूल पर काबू पाया जा सकता है और लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी. यह तकनीक शहरों में प्रदूषण नियंत्रण का एक प्रभावी तरीका माना जा रहा है.
पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें लोग- बोर्ड
बोर्ड ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक वाहन उपयोग से बचें और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें. विशेषकर दीपावली के दौरान पटाखों और वाहन धुएं से वायु प्रदूषण बढ़ सकता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि यदि जनता सहयोग करेगी और सतर्कता बरती जाएगी, तो AQI को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
इस अभियान के तहत ड्रोन से किए गए पानी के छिड़काव को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि यह तकनीक समय-समय पर शहरों में लागू की जाएगी ताकि हवा में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.