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नवादा न्यूज: जमीन विवाद में शख्स ने छोटे भाई को लाठियों से पीटकर मार डाला, बचाव में पहुंची पत्नी भी घायल


बिहार के नवादा जिले से धनतेरस के दिन एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. कौवाकोल प्रखंड के मधुरापुर गांव में जमीन विवाद को लेकर बड़े भाई ने अपने छोटे भाई की निर्मम हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि बड़े भाई राजू यादव ने अपने छोटे भाई उपेंद्र यादव (45) पर टांगी और लाठियों से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया.

इस दौरान बीच-बचाव करने पहुंची उपेंद्र की पत्नी सोना देवी को भी बेरहमी से पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं. उन्हें अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.

धनतेरस की खुशी बनी मातम में तब्दील

घटना शनिवार की दोपहर उस वक्त हुई जब उपेंद्र यादव अपनी पत्नी के साथ धनतेरस की खरीदारी कर घर लौट रहे थे. घर पहुंचते ही बड़े भाई राजू यादव और उसके दो बेटों ने उन्हें घेर लिया. अचानक हुए हमले में राजू ने टांगी से उपेंद्र के गले पर वार किया और उसके बाद लाठियों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. जब तक उपेंद्र ने दम नहीं तोड़ा, तब तक हमला जारी रहा. पत्नी सोना देवी ने बचाने की कोशिश की, लेकिन उन पर भी लाठियों से हमला कर दिया गया.

सोना देवी ने अस्पताल में मीडिया को दिए बयान में कहा कि हम खुशी-खुशी घर लौट रहे थे, लेकिन घर पहुंचते ही पति को भाई ने मार डाला. मैं बचाने दौड़ी तो उन्होंने मुझे भी नहीं छोड़ा. मेरी आंखों के सामने सब खत्म हो गया.

छह महीने पहले दिल्ली से लौटा था मृतक

ग्रामीणों के अनुसार उपेंद्र यादव छह महीने पहले दिल्ली से लौटा था, जहां वह ट्रक चलाकर परिवार का खर्च चलाता था. गांव में चार कट्ठा जमीन को लेकर दोनों भाइयों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. पंचायत बैठने के बाद भी विवाद नहीं सुलझा और आखिरकार यह खूनी संघर्ष में बदल गया.

दीवाली पर गांव में पसरा मातम

मृतक उपेंद्र यादव के परिवार में मातम का माहौल है. उनके छोटे-छोटे बच्चे बिलख रहे हैं और बूढ़े माता-पिता सदमे में हैं. गांव में सन्नाटा पसरा है और लोग इस घटना से स्तब्ध हैं.

आरोपी की जांच में जुटी पुलिस 

कौवाकोल थाने के प्रभारी उमाशंकर सिंह ने बताया कि यह पारिवारिक विवाद का मामला है. मृतक की पत्नी का बयान दर्ज कर लिया गया है. आरोपी राजू यादव और उसके दो बेटे फरार हैं. पुलिस की टीमें छापेमारी में जुटी हैं और 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी का भरोसा दिया गया है.

यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि बिहार में जमीन विवाद से उपजती हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करती है.

AZMI DESK

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