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जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव: चौथी सीट पर कांटे की टक्कर, AAP विधायक मेहराज मलिक डालेंगे वोट?


जैसे-जैसे 24 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है. इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, खासकर चौथी सीट पर जहाँ हर वोट निर्णायक साबित हो सकता है.

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक, जो जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत कठुआ जेल में बंद हैं, डाक मतपत्र के ज़रिए अपना वोट डालने के लिए तैयार हैं. रिटर्निंग ऑफिसर ने जेल अधीक्षक को तीन डाक मतपत्र भेजे हैं, क्योंकि प्रत्येक विधायक को तीन वोट डालने का अधिकार है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के तहत, निवारक निरोध में बंद व्यक्तियों को मतदान का अधिकार प्राप्त है, जबकि अन्य कैदियों को यह अधिकार नहीं होता.

चार राज्यसभा सीटें हैं दांव पर

इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटें दांव पर हैं. निर्वाचन आयोग ने इसके लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की हैंदो एकल सीटों और एक दो सीटों वाले चुनाव के लिए. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं, जिनमें से दो रिक्त हैं, जिससे प्रभावी मतदाता संख्या 88 रह जाती है.

प्रति सीट 29 वोट जीत के लिए माने जा रहे हैं आवश्यक

ये चुनाव एकल हस्तांतरणीय मत (STV) प्रणाली से होंगे, जहां विधायक वरीयता के आधार पर उम्मीदवारों को रैंक करते हैं. एकल-सीट चुनाव में लगभग 45 वोट और दो-सीट वाले चुनाव में प्रति सीट 29 वोट जीत के लिए आवश्यक माने जा रहे हैं.

चौथी सीट पर कड़ा मुकाबला है जारी

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चार उम्मीदवार उतारे हैंचौधरी मुहम्मद रमज़ान, सज्जाद अहमद किचलू, शम्मी ओबेरॉय और इमरान नबी डार. वहीं, बीजेपी ने सत शर्मा, अली मुहम्मद मीर और राकेश महाजन को मैदान में उतारा है. एनसी की तीन सीटों पर जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन चौथी सीट पर कड़ा मुकाबला जारी है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नहीं खोले हैं अपने पत्ते

पीडीपी ने एनसी को सशर्त समर्थन दिया है, जबकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस मतदान से दूर रहेगी. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस तरह निर्दलीयों और छोटी पार्टियों के वोट संतुलन बिगाड़ सकते हैं.

यह चुनाव न केवल संसद में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व का निर्धारण करेंगे, बल्कि यह भी दिखाएंगे कि पुनर्गठन के बाद कौन-सी पार्टी अपनी राजनीतिक पकड़ और गठबंधन रणनीति के ज़रिए असली प्रभाव कायम रख पाती है.

AZMI DESK

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