गाजियाबाद और मथुरा में नकली खाद बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना समेत 3 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए किसानों को ठगने वाले नकली डीएपी खाद तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में नकली उर्वरक, ट्रक, बुलेरो, पैकिंग मशीन और हजारों खाली बैग बरामद किए हैं.
गिरफ्तार आरोपियों में राहुल सिंघल, निवासी साहिबाबाद (गाजियाबाद), गिरोह का मुख्य सरगना बताया गया है. इसके अलावा सुभाष सिंह, निवासी भैंसा (मथुरा) और जगन सिंह, निवासी इकराम नगर (आगरा) को भी पकड़ा गया है.
काफी समय से मिल रही थी नकली खाद की सूचना
दरअसल, एसटीएफ को पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के नाम पर नकली डीएपी खाद तैयार कर किसानों को बेच रहे हैं. इस पर एसटीएफ की विभिन्न टीमों को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए.
कार्रवाई पर क्या बोले अधिकारी?
अपर पुलिस अधीक्षक राकेश के पर्यवेक्षण में एसटीएफ आगरा इकाई की टीम ने निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा के नेतृत्व में मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई की. टीम को सूचना मिली कि एक ट्रक में नकली डीएपी खाद भरकर मथुरा लाया जा रहा है.
जानकारी मिलते ही टीम ने जिला कृषि अधिकारी अवधेश कुमार सिंह को साथ लेकर तारसी चौराहा (मथुरा) पर ट्रक (RJ-05-GB-6212) को रोका. ट्रक चालक जगन सिंह ने बताया कि वह खाद एग्रो जंक्शन सेंटर, तारसी चौराहा स्थित सुभाष सिंह की दुकान पर देने जा रहा था.
पुलिस ने खाद गोदाम की सीज
पूछताछ में सुभाष सिंह ने बताया कि यह खाद उसने गाजियाबाद के राहुल सिंह से खरीदी थी और भुगतान नकद किया था. इस जानकारी पर एसटीएफ की दूसरी टीम गाजियाबाद पहुंची. वहां मुरादनगर स्थित बम्वा रोड टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे बने अवैध उर्वरक निर्माण केंद्र पर छापा मारा गया, जहाँ से राहुल सिंह को गिरफ्तार किया गया. मौके से नकली खाद से भरा गोदाम सीज किया गया.
बरामदगी में शामिल हैं-
500 बोरी नकली/संदिग्ध उर्वरक
35 बैग “भारत डीएपी (आईपीएम कंपनी मार्का)”
450 बैग “विराट भूमि शक्ति” मार्का
550 बिना मार्का बैग
एक ट्रक, एक बुलेरो, पैकिंग सिलाई मशीन
1,200 खाली डीएपी बैग, 1,000 बिना प्रिंट बैग और 50 रील धागे की
कंपनियों नाम और लोगो का करते थे प्रयोग
एसटीएफ के अनुसार, आरोपियों ने नकली खाद बनाने के लिए इंडियन पोटाश लिमिटेड जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के नाम और लोगो का दुरुपयोग किया. ये लोग कम कीमत में नकली खाद तैयार कर किसानों को असली बताकर बेचते थे. जांच में यह भी पता चला कि गिरोह अन्य राज्यों में भी सप्लाई करता था.
अधिकारियों का कहना है कि नकली डीएपी खाद फसलों के लिए बेहद नुकसानदायक होती है. इससे मिट्टी की उर्वरता कम होती है और किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. कृषि विभाग ने बरामद खाद के नमूने जांच के लिए लैब भेजे हैं.
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी
एसटीएफ ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है. अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे खाद खरीदते समय पैकिंग, ब्रांड नाम और बारकोड की जांच जरूर करें ताकि ऐसे ठगों से बचा जा सके.