मुंबई में कोराबारी दंपत्ति से 58 करोड़ से ज्यादा की ठगी, साइबर एजेंसियों में हड़कंप

मुंबई में एक कारोबारी दंपत्ति के साथ हुई 58.13 करोड़ की साइबर ठगी ने पुलिस और साइबर एजेंसियों को हिला दिया है. इस हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी में ठगों ने खुद को ईडी (Enforcement Directorate) और सीबीआई (CBI) का अधिकारी बताकर दंपत्ति को “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी दी और उन्हें फर्जी जांच के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए.
पुलिस के अनुसार, ठगों ने दंपत्ति से WhatsApp वीडियो कॉल के ज़रिए संपर्क किया. उन्होंने खुद की पहचान सुब्रह्मण्यम और करण शर्मा के नाम से बताई और फर्जी सरकारी आईडी और दस्तावेज़ दिखाकर खुद को केंद्रीय एजेंसियों का अधिकारी बताया.
18 अलग-अलग बैंक खातों में 58.13 करोड़ कर दिए ट्रांसफर
ठगों ने दावा किया कि व्यवसायी पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है और कहा कि यदि जांच में सहयोग के लिए “पैसे नहीं दिए” तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर और दबाव के माहौल में, दंपत्ति ने दो महीनों में कुल 18 अलग-अलग बैंक खातों में 58.13 करोड़ ट्रांसफर कर दिए.
अब तक तीन आरोपियों को किया गया है गिरफ्तार
साइबर पुलिस की जांच में पता चला है कि ठगों ने यह रकम 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच RTGS ट्रांजैक्शन के ज़रिए वसूली. हर खाते में करीब 25 लाख रुपये जमा कराए गए थे ताकि रकम ट्रेस न हो सके. महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने अब उन सभी खातों की पहचान कर ली है जिनमें यह रकम जमा हुई थी और ट्रांजैक्शन ट्रेल की डिजिटल जांच शुरू कर दी गई है. इस सनसनीखेज मामले में अब तक तीन आरोपियों अब्दुल खुल्ली (47), अर्जुन कडवसारा (55) और जेताराम कडवसारा (35) को गिरफ्तार किया गया है.
बड़े साइबर नेटवर्क का हो सकता है हिस्सा
अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह देशभर में सक्रिय एक बड़े साइबर नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जिसकी जांच अब अंतरराज्यीय स्तर पर विस्तारित की जा रही है. इस मामले में 17 अक्टूबर की दोपहर को महाराष्ट्र सायबर सेल के चीफ यशस्वी यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इस मामले में कई परतों की जानकारी देंगें.