Bihar Voter List: ‘उम्मीद है वोटिंग लिस्ट की गलतियों को सुधारेंगे’, बिहार SIR पर चुनाव आयोग से बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को कहा कि वह निर्वाचन आयोग से अपेक्षा करता है कि आयोग बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची में टाइपिंग संबंधी त्रुटियों और अन्य गलतियों की एक जिम्मेदार प्राधिकारी के रूप में जांच करें और सुधारात्मक उपाय लेकर आएं.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की पीठ ने कहा कि वह बिहार SIR प्रक्रिया से संबंधित कानूनी मुद्दों पर चार नवंबर को सुनवाई करेगी. निर्वाचन आयोग ने कहा कि 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशित होने के बाद से किसी भी मतदाता की ओर से नाम हटाए जाने के खिलाफ एक भी अपील दायर नहीं की गई है.
मतदाता ने सूची से नाम हटने का किया दावा
गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि एक मतदाता ने यह दावा किया था कि उसका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया है, जिसके विवरण को निर्वाचन आयोग ने सात अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई में फर्जी बताया था, जबकि मतदाता का दावा सच है.
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कितने मतदाताओं के नाम हटाए गए और किस संशोधन के लिए उन्हें हटाया गया. पीठ ने कहा कि पहले चरण में मतदान वाले कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची 17 अक्टूबर को ‘फ्रीज’ कर दी जाएगी, जबकि दूसरे चरण में मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची 20 अक्टूबर को ‘फ्रीज’ कर दी जाएगी.
कोर्ट ने आयोग से मांगा था जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने सात अक्टूबर को निर्वाचन आयोग से उन 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा था, जो मसौदा मतदाता सूची का हिस्सा थे, लेकिन बिहार की SIR प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से वे बाहर कर दिए गए थे. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में ‘भ्रम’ है.
निर्वाचन आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि इसमें मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है, जो निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से पहले 7.89 करोड़ थी.
दो चरणों में होंगे बिहार विधानसभा चुनाव
हालांकि अंतिम संख्या एक अगस्त को जारी की गई मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं से 17.87 लाख अधिक है. इस सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे.
मसौदा सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है. बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीट पर छह नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि शेष 122 सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा, मतगणना 14 नवंबर को होगी.
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