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दिल्ली HC ने ताहिर हुसैन से जुड़े दंगा केस में खारिज की पुलिस की याचिका, की थी ये मांग


दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए-एनआरसी विरोधी दंगों के दौरान एक दुकान में आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डुमा कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एक अभियोजन गवाह को दोबारा बुलाने की मांग की थी.

यह मामला पूर्व आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन पर दंगे के दौरान भड़कावे के आरोप से जुड़ा है. दिल्ली पुलिस की तरफ से पेंश वकील दलील दी थी कि एक अभियोजन गवाह अपने बयान से मुकर गया है, इसलिए उसे होस्टाइल घोषित कर जिरह करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी. कड़कड़ूमा कोर्ट ने 7 फरवरी 2025 को अभियोजन की यह अर्जी खारिज कर दी थी. इसी आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

आरोपी पक्ष के वकील ने दिल्ली पुलिस की दलील का किया विरोध

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि एफआईआर घटना के दिन दर्ज नहीं की गई थी. कोर्ट में दलील देते हुए उन्होंने कहा कि 25 फरवरी 2020 को दुकान जली हुई पाई गई लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आग कब लगाई गई थी. 

उन्होंने कहा कि दो गवाहों के बयान आपस में विरोधाभासी हैं एक कहता है दुकान 24 फरवरी को जली, जबकि दूसरा 25 फरवरी को. वकील अधिवक्ता मोहन ने दलील दिया कि अभियोजन को अपने साक्ष्य स्वयं साबित करने होते हैं और यदि किसी गवाह से विरोधाभास पर सवाल पूछना था तो वह उसी समय किया जा सकता था. अब उसे दोबारा बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं है.

दिल्ली हाईकोर्ट का अहम आदेश 

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से पूछा कि कुल कितने गवाह हैं, तो वकील राजीव मोहन ने बताया कि 29 में से 26 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और कुछ को हटा दिया गया है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है और इसे खारिज किया जाता है.

AZMI DESK

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