दिल्ली: सीएम रेखा गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री के साथ की अहम बैठक, बोलीं- इलाज के लिए भटके नहीं मरीज

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कहा है कि राजधानी के सरकारी अस्पतालों को मरीजों के लिए बेहतर बनाना उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि हर अस्पताल में दवाइयां, उपकरण और इलाज की सुविधाएं समय पर और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार (11 अक्टूबर) को दिल्ली सचिवालय में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह और सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ एक बड़ी समीक्षा बैठक की. बैठक में अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता, मशीनों की स्थिति, स्टाफ की कमी और भवनों की मरम्मत जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई. इस मौके पर लोक निर्माण विभाग (PWD) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे ताकि अस्पतालों में निर्माण और मरम्मत से जुड़े कामों को समय पर पूरा किया जा सके.
‘तुरंत लाया जाए सरकार के संज्ञान में‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है और हर जरूरत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सभी चिकित्सा अधीक्षकों से कहा कि अगर किसी अस्पताल में किसी भी चीज की कमी है तो उसे तुरंत सरकार के संज्ञान में लाया जाए. उन्होंने स्टाफ से यह भी अपील की कि वे मरीजों के साथ संवेदनशील और मानवीय व्यवहार करें, क्योंकि यही लोगों का सरकारी अस्पतालों और डॉक्टरों पर भरोसा बढ़ाता है.
‘नई मशीनें लगाने की चल रही है तैयारी’
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार अब अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं लाने के लिए पीपीपी मॉडल और सीएसआर फंड का इस्तेमाल करेगी. एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे जैसी नई मशीनें लगाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि कई अस्पतालों में पुरानी मशीनें अभी भी काम में ली जा रही हैं, जिन्हें अब बदला जाएगा.
‘लगभग 90 प्रतिशत दवाएं हैं उपलब्ध‘
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की कोई कमी नहीं है और कोविड काल में मिले अतिरिक्त वेंटिलेटर भी अब इस्तेमाल में हैं. दवाओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 90 प्रतिशत दवाएं उपलब्ध हैं और बाकी पर भी तेजी से काम हो रहा है ताकि किसी मरीज को दवा की कमी न हो .
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य सिर्फ अस्पतालों की इमारतें बनाना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के लिए आसान, भरोसेमंद और मानवीय बनाना है. आने वाले दिनों में राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में नई तकनीक, आधुनिक उपकरण और साफ-सुथरा माहौल मिलेगा ताकि कोई भी मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर न हो.