टैरिफ वाली टेंशन के बीच अमेरिका ने दिया भारत को बड़ा झटका! इन कंपनियों और 8 नागरिकों पर लगाया बैन

अमेरिकी एजेंसियों ने ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल कारोबार से जुड़े होने के आरोप में आठ भारतीय नागरिकों और दस कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के नए दौर का हिस्सा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने कुल मिलाकर 100 से अधिक व्यक्तियों, कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) की सूची में कई भारतीयों और भारत स्थित कंपनियों के नाम शामिल किए गए हैं.
अमेरिकी ट्रेजरी की सूची में कई भारतीय नागरिक
अमेरिका की इस कार्रवाई में मुंबई के निती उमेश भट्ट, कमला के कसात, कुनाल कसात और पूनम कसात के नाम शामिल हैं. इसके अलावा तमिलनाडु में जन्मे अय्यप्पन राजा, तिरुपति के वरुण पुला, पियूष मगनलाल जाविया और सोनिया श्रेष्ठा के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने ईरान से जुड़े तेल और गैस कारोबार में अहम भूमिका निभाई और अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन किया.
चीन और पाकिस्तान को ईरानी LPG भेजने के आरोप
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वरुण पुला की कंपनी बर्था शिपिंग ने कोमोरोस झंडे वाले एक जहाज का इस्तेमाल करते हुए लगभग चार मिलियन बैरल ईरानी LPG चीन पहुंचाई. इसी तरह अय्यप्पन राजा की कंपनी इवी लाइन्स, जो मार्शल आइलैंड्स में स्थित है, ने पनामा झंडे वाले एक जहाज के ज़रिए एक मिलियन बैरल LPG चीन भेजी. सोनिया श्रेष्ठा की भारत स्थित कंपनी वेगा स्टार शिप पर आरोप है कि उसने कोमोरोस झंडे वाले जहाज ‘NEPTA’ का इस्तेमाल करके ईरान से पाकिस्तान तक LPG की सप्लाई की.
भारतीय कंपनियों पर बड़े पैमाने पर आयात के आरोप
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत की सीजे शाह एंड कंपनी ने ईरान से 4.4 करोड़ डॉलर मूल्य के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया. जाविया की कंपनी केमोविक पर सात मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद आयात करने का आरोप है. बीके सेल्स कॉर्प पर 23.5 करोड़ डॉलर, जबकि मोदी केम पर जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच 4.9 करोड़ डॉलर के ईरानी उत्पाद आयात करने का आरोप है.
इसके अलावा, पारिकेम रिसोर्सेज ने मई से नवंबर 2024 के बीच 20 लाख डॉलर मूल्य के पेट्रोकेमिकल उत्पाद कई कंपनियों से आयात किए. इनमें अमेरिकी प्रतिबंधों की सूची में शामिल शिवनानी ऑर्गेनिक्स FZE भी शामिल है. इन उत्पादों में टोल्यून जैसी रासायनिक सामग्री भी थी.
हैरेश पेट्रोकेम और इंडिसोल पर भी अमेरिकी कार्रवाई
निती भट्ट की कंपनी इंडिसोल पर जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 7.4 करोड़ डॉलर मूल्य के शिपमेंट का आरोप है. इसी तरह कसात परिवार की कंपनी हैरेश पेट्रोकेम ने जनवरी 2024 से अगले 13 महीनों में एक करोड़ डॉलर मूल्य के ईरानी मूल के उत्पादों का आयात किया. इन सभी लेनदेन को अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन माना गया है.
अमेरिका का सख्त संदेश
अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल कारोबार से जुड़े किसी भी देश, कंपनी या व्यक्ति को बख्शने वाला नहीं है. वॉशिंगटन का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयों के जरिए वह तेहरान पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाना चाहता है.