आजमगढ़

Bihar election 2025:तेजस्वी यादव का वादा: अब हर तबके की आवाज़ गूंजेगी सरकार के भीतर

तेजस्वी यादव का नया मॉडल: प्रतिनिधित्व और न्याय की दिशा में ऐतिहासिक पहल

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही सियासत गरमा गई है। वोटिंग से पहले ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं तेज हैं। इसी बीच तेजस्वी यादव ने एक ऐसा विज़न पेश किया है, जिसने बिहार की राजनीति में नई सोच का संचार किया है।

तेजस्वी यादव का ‘सबका साथ, सबको सीट’ मॉडल

तेजस्वी यादव ने सत्ता को साझा करने का जो “पॉवर-शेयरिंग मॉडल” सामने रखा है, वह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। उनका मानना है कि सरकार तभी मजबूत होगी जब उसमें हर तबके की आवाज़ शामिल होगी।तेजस्वी का स्पष्ट कहना है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो एक नहीं, बल्कि कई उप-मुख्यमंत्री होंगे, ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।

सामाजिक संतुलन की दिशा में बड़ा कदम

तेजस्वी यादव ने साफ संकेत दिए हैं कि उपमुख्यमंत्रियों में एक मुस्लिम और एक दलित नेता अवश्य होंगे। यह बयान उनके सामाजिक समरसता और संतुलन की राजनीति को दर्शाता है। तेजस्वी की इस सोच में सत्ता नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को बराबरी का दर्जा देने की भावना झलकती है।

भाजपा पर पलटवार, ‘सत्ता की नहीं, प्रतिनिधित्व की लड़ाई’

भाजपा के तंज का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा को असली दिक्कत सत्ता से नहीं, बल्कि सबको समान प्रतिनिधित्व देने से है। उन्होंने कहा कि “हम सत्ता नहीं, समानता की राजनीति करते हैं। जिनकी आवाज़ सुनी जाएगी, वही असली लोकतंत्र है।”

बिहार में नया इतिहास लिखने की तैयारी

महागठबंधन सूत्रों के अनुसार, अगर यह मॉडल लागू हुआ तो बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां चार उपमुख्यमंत्री होंगे, मुस्लिम, दलित, अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग से एक-एक नेता को शामिल कर प्रतिनिधित्व का संतुलित ढांचा तैयार किया जाएगा।

तेजस्वी की सोच को मिल रहा जनसमर्थन

युवाओं और सामाजिक संगठनों के बीच तेजस्वी यादव के इस विचार को सराहना मिल रही है। लोग मानते हैं कि यह मॉडल न केवल बिहार की राजनीति को नई दिशा देगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बनेगा।तेजस्वी यादव ने यह साबित किया है कि राजनीति सिर्फ कुर्सी की नहीं, बल्कि समाज के हर तबके की भागीदारी की होती है। अब निगाहें 14 नवंबर पर हैं, जब जनता इस “बहु-डिप्टी सीएम मॉडल” पर अपना फैसला सुनाएगी।

AZMI DESK

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