नीतीश कुमार या तेजस्वी, बिहार चुनाव में कौन मारेगा बाजी? फलोदी सट्टा बाजार में बदल गया भाव

बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान 6 और 11 नवंबर को होना है. 14 नवंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे. तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ने के साथ-साथ सट्टा बाजार में भी चर्चाएं तेज होने लगी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां राजनीति के जानकारों से लेकर तरह-तरह के सर्वे अपने-अपने अनुमान लगा रहे हैं. इसी बीच राजस्थान का चर्चित फलोदी सट्टा बाजार भी सुर्खियों में है, जहां सटोरिए बिहार के राजनीतिक मुकाबले पर अपने हिसाब से भाव तय कर रहे हैं.
एनडीए की सरकार वापसी का दावा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फलोदी सट्टा बाजार में फिलहाल एनडीए के दोबारा सत्ता में आने की संभावना ज्यादा बताई जा रही है. सटोरियों के अनुसार एनडीए को इस बार 243 में से 128 से 134 सीटें मिल सकती हैं. बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए होती हैं, जो इन आंकड़ों के मुताबिक एनडीए आराम से पार कर सकता है. सट्टा बाजार के अनुमान के अनुसार, एनडीए के अंदर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी को 66-68 सीटें आ सकती हैं. और इतनी ही सीटों पर लड़ रही जेडीयू को 54-56 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
महागठबंधन को 100 से कम सीटों का अनुमान
विपक्षी महागठबंधन के लिए सटोरिए कमजोर प्रदर्शन का अनुमान लगा रहे हैं. मिलने वाली संभावित सीटें 93 से 99 के बीच बताई जा रही हैं. 143 सीटों लड़ रही आरजेडी को 69-71 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं, कांग्रेस के प्रदर्शन को फिर से कमजोर बताया गया है.
मुख्यमंत्री पद पर नीतीश का भाव सबसे कम
सट्टा बाजार में मुख्यमंत्री पद पर सबसे मजबूत दावेदार के रूप में नीतीश कुमार का नाम चल रहा है. उनका भाव 40-45 पैसे के बीच है. सट्टा बाजार की भाषा में कम भाव का मतलब जीत की संभावना ज्यादा माना जाता है. तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर के भाव की ताजा जानकारी सामने नहीं आई है.
कैसे तय होता है भाव?
सट्टा बाजार में किसी भी घटना की संभावना जितनी अधिक होती है, उसका भाव उतना कम रखा जाता है.
1 रुपये से कम भाव = जीत की संभावना अधिक
1 से 1.25 रुपये = सामान्य संभावना
2 रुपये या उससे अधिक = संभावना बहुत कम
हालांकि, भाव मांग और माहौल के हिसाब से लगातार ऊपर-नीचे होते रहते हैं.
अतीत में भी चर्चा में रहा फलोदी बाजार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी बाजार ने भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था, जो नतीजों में सही साबित हुआ. अब बिहार में यह अनुमान कितना सटीक बैठता है, इसका जवाब 14 नवंबर को ही मिल पाएगा.
अपराध है चुनाव में सट्टा लगाना
भारत में किसी भी तरह की सट्टेबाजी, विशेषकर चुनाव से जुड़े सट्टे, कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं. इसमें शामिल पाए जाने पर जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान है.



