इंदौर: कैलाश विजयवर्गीय बने ‘दुकानदार’, धनतेरस पर निभाई ये खास परंपरा

मध्य प्रदेश की राजनीति के दिग्गज और मोहन यादव सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने धनतेरस के पावन अवसर पर अपनी दशकों पुरानी पारिवारिक किराना दुकान पर बैठकर ग्राहकी की और राजनीतिक बयान भी दिए. विजयवर्गीय ने अपनी पारंपरिक दुकान से खरीददारों को अपने हाथों से सामान बेचा, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर खुलकर बात की.
मीडिया से चर्चा के दौरान, मंत्री विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पैदल यात्राओं पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, कि राहुल गांधी कितनी भी पैदल यात्रा कर लें, लेकिन जब तक देश को जानने के लिए दिमाग न हो, तब तक आप देश को नहीं जान सकते. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस नेता लगातार सरकार की नीतियों पर हमलावर हैं, लेकिन विजयवर्गीय ने सीधे उनकी समझ और नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़ा कर दिया.
अपनों से स्नेहिल भेंट !!!
हर वर्ष की तरह आज पावन धनतेरस पर इंदौर स्थित अपनी पुश्तैनी किराना दुकान ‘काकी जी की दुकान’ पर सामान की बिक्री करते हुए स्वजनों से भेंट का स्नेहिल अवसर प्राप्त हुआ।
यह दुकान वह पारिवारिक विरासत है, जिसकी दीवारों में अपनापन और हर कोने में स्नेह की… pic.twitter.com/UW5ql1rqmR
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 18, 2025
‘जल्द ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते हुए आएंगे नजर’
बिहार विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए, विजयवर्गीय ने एनडीए गठबंधन की जीत का दावा किया और स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं और वह जल्द ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते हुए नजर आएंगे.
‘पुरानी परंपराओं से किसी भी तरह की न की जाए छेड़छाड़’
वहीं हाल ही में इंदौर में हुए किन्नर विवाद के मुद्दे पर उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया. विजयवर्गीय ने बताया कि लगभग 150 किन्नरों का एक दल उनसे मिलने आया था और उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई. मंत्री ने चिंता जताई कि शहर में किन्नरों के बीच हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की पुरानी परंपराएं निभाई जाती रही हैं, लेकिन कुछ तत्वों ने जानबूझकर उनके बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की है. उन्होंने तुरंत इस मामले में इंदौर कलेक्टर से बात की है और सख्त निर्देश दिए हैं कि किन्नरों की सदियों पुरानी परंपराओं से किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए.
‘परिवार का चलता है आर्थिक खर्च’
मंत्री विजयवर्गीय के लिए यह किराना दुकान केवल परंपरा नहीं, बल्कि उनकी जड़ों से जुड़ाव है. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि जितनी उनकी उम्र है, उतनी ही इस दुकान की भी उम्र हो चुकी है. यह दुकान नंदा नगर क्षेत्र के रहवासियों के लिए ‘संगम’ है, जहां बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के लोग खरीदारी करने आते हैं. उन्होंने गर्व से कहा, “यहां बीजेपी नहीं, कांग्रेस के भी लोग बिना राजनीति के खरीदी करने पहुंचते हैं.” उन्होंने स्वीकार किया कि इस दुकान से उनके परिवार का आर्थिक खर्च भी चलता है. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि वह किसी भी बड़े पद पर क्यों न बैठ जाएं, लेकिन धनतेरस पर दुकान पर व्यापार करने जरूर पहुंचते हैं.
मंत्री विजयवर्गीय का धनतेरस पर अपनी दुकान पर बैठकर किया गया यह व्यापार और राजनीतिक संवाद, इंदौर की जनता और सियासी गलियारों में एक साथ चर्चा का विषय बना हुआ है.