देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के विशेष अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को राज्य कैबिनेट ने ‘विकास का मंत्र’ करार देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कैबिनेट ने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया प्रेरणादायी संदेश राज्य को सतत विकास, लोककल्याण और नवाचार के पथ पर अग्रसर करने की दिशा में एक नया संकल्प बन गया है। राज्य के लिए नई दिशा तय करने की तैयारी बैठक में यह निर्णय हुआ कि दोनों शीर्ष नेतृत्व द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर विस्तृत कार्ययोजना (Action Plan) तैयार की जाएगी। इसके तहत राज्य में नवाचार आधारित योजनाएं, पर्यावरण संरक्षण, स्वरोजगार और युवा सशक्तिकरण, महिला उद्यमिता,और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए जाएंगे। कैबिनेट का मानना है कि यह पहल उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगी। कैबिनेट ने जताया विश्वास और आह्वान मंत्रिमंडल ने अपने प्रस्ताव में कहा— “राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के प्रेरक मार्गदर्शन से हमारा संकल्प और भी सुदृढ़ हुआ है। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में मिले इन सुझावों से प्रदेश गठन के मूल लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार पूरी तत्परता से कार्य करेगी।” साथ ही, कैबिनेट ने समस्त सरकारी कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और प्रदेशवासियों से राज्य निर्माण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। विकास के नए लक्ष्य तय होंगे सरकारी सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार अब रजत जयंती वर्ष को ‘विकास वर्ष’ के रूप में मनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी। इसके लिए जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक समीक्षा और क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेज की जा रही है। कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले महीनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन पर आधारित योजनाओं को नीति रूप में परिवर्तित किया जाएगा। यह बैठक उत्तराखंड के लिए केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक नए विजन डॉक्यूमेंट की शुरुआत मानी जा रही है — जो राज्य को अगले 25 वर्षों के लिए विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का खाका तैयार करेगा।