नोएडा खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर में स्वच्छता और खाद्य गुणवत्ता मानकों को सख्ती से लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 11 मीट की दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. नियमों का पालन न करने और बार-बार चेतावनी मिलने के बावजूद सुधार न करने पर विभाग ने सभी दुकानों को तुरंत सील कर दिया. साथ ही संबंधित दुकानदारों के खिलाफ एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है. अब आगे की कानूनी कार्रवाई कोर्ट द्वारा की जाएगी. ग़ौरतलब है कि सहायक खाद्य आयुक्त (एएफसी)–II सर्वेश मिश्रा ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मिलावटी खाद्य पदार्थ और बिना लाइसेंस संचालित दुकानों के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस दौरान कई दुकानों पर गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं. पांच दुकानदार बिना किसी विभागीय लाइसेंस के मीट शॉप चला रहे थे. वहीं छह दुकानें लाइसेंस होने के बाद भी स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा मानकों और संचालन नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रही थीं. नोटिस के बावजूद नहीं हुए थे सुधार जानकारी के अनुसार विभाग की टीम ने इन दुकानों को कई बार नोटिस जारी किए और निर्धारित मानकों का पालन सुनिश्चित करने को कहा, लेकिन इसके बावजूद किसी तरह की सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. शासन के निर्देशों के आधार पर अब इन सभी 11 दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. जिन दुकानों का लाइसेंस निरस्त किया गया है, उनमें शामिल हैं,फिरोज कुरैशी, जावेद , जुनैद , फुरकान , इरफ़ान कुरैशी, शहजाद , जाहिद, कदीम मीट शॉप, सलमान मीट शॉप, रिज़वान, जबरदीन मीट शॉप. ये थीं कमियां वहीं विभाग ने बताया कि इन दुकानों पर स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब थी. मांस के भंडारण, कटाई, और डिस्प्ले मानकों को नजरअंदाज किया गया था. कई जगहों पर सुरक्षा उपकरणों का अभाव और अनुपयुक्त वातावरण में मीट बेचा जा रहा था, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है. सहायक खाद्य आयुक्त सर्वेश मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा. स्वच्छता और मानकों का पालन न करने पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अभियानों का उद्देश्य न सिर्फ मिलावटी और अस्वच्छ खाद्य पदार्थों को रोकना है, बल्कि शहर में उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है.