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मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर से JeM में टॉप आतंकी लीडर बनने वाली वाली डॉ. शाहीन शाहिद सिद्दीकी, जानें उनका पूरा इतिहास


एक समय मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर रही डॉ. शाहीन शाहिद को मंगलवार (11 नवंबर) को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया. उसका नाम पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल में सबसे प्रमुख रूप से शामिल है. प्रारंभिक जांच के अनुसार, डॉ. शाहीन को कथित तौर पर जमात-उल-मोमिनीन के बैनर तले भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा की स्थापना का जिम्मा सौंपा गया था, जो जैश का नया महिला भर्ती नेटवर्क है.

जांच एजेंसियों का मानना ​​है कि जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर, जो पाकिस्तान में महिला विंग की प्रमुख हैं, उसने सीधे तौर पर डॉ. शाहीन को यह काम सौंपा होगा. सादिया का पति यूसुफ अज़हर 1999 के कंधार विमान अपहरण के मास्टरमाइंडों में से एक था और इस साल की शुरुआत में बहावलपुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया.

जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी डॉ. शाहीन शाहिद
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि डॉ. शाहीन गुप्त रूप से सोशल मीडिया चैनलों के जरिए सीमापार के आतंकियों के संपर्क में थी, जिसका काम भारत में संगठन की गतिविधियों को चलाने के लिए समर्थकों को जुटाकर जैश-ए-मोहम्मद की भर्ती का विस्तार करना था. डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी फरीदाबाद के अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉक्टरों डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई और डॉ. उमर यू नबी की गिरफ्तारी के बाद हुई थी. यह ग्रुप लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में शामिल अंतर-राज्यीय आतंकी नेटवर्क का केंद्र था, जिसमें 12 लोगों की जान गई और 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए. 

ये मामला कैसे उजागर हुआ 
जम्मू-कश्मीर पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये सिलसिला मिड अक्टूबर में शुरू हुआ, जब श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए गए. गिरफ्तारियों के सिलसिले के बाद 8 नवंबर को फरीदाबाद में मुज़म्मिल को पकड़ा गया, जिसके बाद भारी मात्रा में विस्फोटक और एक एके-47 राइफल बरामद हुई. डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ में शाहीन की संलिप्तता और जैश-ए-मोहम्मद की महिला आतंकवादियों के साथ उसके संबंधों के बारे में विस्तृत जानकारी सामने आई है. एजेंसियों के मुताबिक पकड़े जाने से बचने के लिए उसने अपने पेशेवर डॉक्टर नेटवर्क का इस्तेमाल किया.

लखनऊ में एटीएस की छापेमारी
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस), जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने मंगलवार (11 नवंबर) को लखनऊ के लालबाग स्थित उसके आवास पर छापा मारा. अधिकारियों ने बताया कि यहां उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी, जो खुद भी डॉक्टर हैं, वो रहते हैं. एटीएस ने परिवार के मोबाइल फोन, एक हार्ड डिस्क और कई दस्तावेज़ जब्त किए हैं. सूत्रों ने पुष्टि की कि डॉ. परवेज़ अंसारी को भी यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. उसके पिता सैयद अहमद अंसारी का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी के कथित संबंधों के बारे में जानकारी नहीं है.

कौन है डॉ. शाहीन सिद्दीकी 
कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के रिकॉर्ड्स के मुताबिक डॉ. शाहीन (शाहिद) सिद्दीकी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से चयनित होने के बाद 2006 में इस संस्थान में शामिल हुई. बाद में 2009 से 2010 के बीच कन्नौज राजकीय मेडिकल कॉलेज में कुछ समय तक सर्विस की.

कॉलेज के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि डॉ. शाहीन 2013 में अनधिकृत छुट्टी पर चली गई और फिर कभी वापस नहीं लौटी. कई नोटिसों के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया, जिसके कारण राज्य सरकार ने 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया. यूपी एटीएस ने मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से उसकी पिछली पोस्टिंग, उपस्थिति और उससे जुड़े सभी आधिकारिक रिकॉर्ड जब्त कर लिए.

जांचकर्ताओं ने बताया कि डॉ. शाहीन ने महाराष्ट्र के जफर हयात से शादी की थी, लेकिन 2015 में दोनों का तलाक हो गया. अलग होने के बाद वह कथित तौर पर फरीदाबाद चली गई. वहां वो कथित तौर पर डॉ. मुज़म्मिल और जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल के अन्य सदस्यों के संपर्क में आई. जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डॉ. मुज़म्मिल द्वारा अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली उसकी कार में पहले एक राइफल और ज़िंदा कारतूस पाए गए थे, जिससे नेटवर्क के संचालन में उसकी सक्रिय भागीदारी का संदेह और पुख्ता हो गया.

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AZMI DESK

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