‘विकास के नए पैमाने गढ़ रहा है मध्य प्रदेश’, MP के स्थापना दिवस पर बोले सीएम मोहन यादव

मध्यप्रदेश के गौरवशाली 70वें स्थापना दिवस समारोह पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ को संबोधित किया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गत दो वर्ष में प्रदेश में विकास के कई ऐसे कार्य पूर्ण हुए हैं जो असंभव माने जाते थे. मध्यप्रदेश विकास के नए पैमाने गढ़ रहा है. प्रदेश में उद्योगों की स्थापना का कार्य तेजी से हो रहा है. औद्योगिक विकास दर उल्लेखनीय 24% प्राप्त की गई है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रमों अवतार को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में दो टाइगर रिजर्व भोपाल वन विहार और माधव नेशनल पार्क शिवपुरी हैं. यही नहीं नौ टाइगर रिजर्व अभयारण्य प्रदेश में हैं. प्रदेश में ओंकारेश्वर में 27वां अभयारण्य प्रारंभ हो रहा है, जिसका क्षेत्र खंडवा और देवास जिलों में रहेगा. मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेश को अनेक सौगातें मिली हैं.
उज्जैन में आए 7 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में विरासत के संरक्षण के साथ विकास का कार्य हो रहा. सांस्कृतिक अनुष्ठान जारी है. उज्जैन में 7 करोड़ से अधिक पर्यटक और श्रद्धालु आए हैं.
चित्रकूट का होगा विकास
अयोध्या में भगवान श्रीराम मुस्कुरा रहे हैं. ओरछा और चित्रकूट प्रदेश के विशेष धार्मिक, आध्यात्मिक आस्था के केंद्र हैं. चित्रकूट में 28 करोड़ से अधिक राशि से अनेक विकास कार्य किए जाएंगे. गत 2 वर्ष में प्रदेश में तीन एयरपोर्ट दतिया, सतना और रीवा में प्रारंभ हुए हैं. आज उज्जैन की हवाई पट्टी के एयरपोर्ट के रूप में विकास के लिए एमओयू हुआ है.
पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ मध्य प्रदेश में सबसे पहले
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएमश्री पर्यटन हेली सेवा प्रारंभ करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला प्रांत है. आने वाले 5 वर्ष में प्रदेश का बजट दोगुना हो जाएगा.
राज्य को मिली तीन अंतर्राज्यीय परियोजनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तीन अंतर्राज्यीय सिंचाई परियोजनाएं प्रारंभ हुई है. केन-बेतवा, पार्वती-काली-सिंध-चंबल अंतर्राज्यीय परियोजना और ताप्ती मेगा परियोजना के माध्यम से प्रदेश का विशाल क्षेत्र सिंचित होगा. पेयजल व्यवस्थाओं के साथ उद्योगों को भी पानी मिलेगा.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के इस ग्राउंड पर जुबिन नौटियाल जैसे कलाकार अपने दल के साथ विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं. इसके साथ ही 500 कलाकार विश्वंद की प्रस्तुति दे रहे हैं.
तीन दिन कार्यक्रमों की धूम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थापना दिवस पर पहली बार तीन दिवसीय कार्यक्रम हो रहे. सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन दो दिन होगा. रविवार और सोमवार को यह प्रस्तुति देखने सभी लाल परेड ग्राउंड आएंगे. मन भावन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आने वाले 2 दिन राज्य उत्सव की धूम रहेगी. प्रदेश के विकास पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया जा सकता है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समस्त नागरिकों को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की बधाई दी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यहां का वातावरण देख कर ऐसा लग रहा है जैसे यहां स्वर्ग उतर आया है. यहां एक के बाद एक लघु फिल्म के आधार पर मध्यप्रदेश के विकास की कुछ झलकियां दिखाई गईं. बीते साल के साथ किए गए अलग-अलग काम जिसके बलबूते पर हर क्षेत्र में विकास के जो नए पैमाने गढ़े गए थे. शनै:-शनै: हम एक-एक कर उन सबको पार करते गए थे. चुनी हुई सरकार के माध्यम से मध्यप्रदेश राज्य को बेहतर से बेहतर मुकाम तक पहुंचाने के लिए लगातार पड़ाव दर- पड़ाव पार किए उस तरह की यात्रा में हम बढ़े हैं.
संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा हमें अपना शुभाशीष दिया है. उनके मार्गदर्शन में हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में विकास और प्रगति के उच्च आयाम गढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में “विकसित मध्यप्रदेश-2047” का रोड मैप तैयार किया जा चुका है. आज का यह आयोजन मध्यप्रदेश की विरासत से विकास तक की यात्रा को जन-जन तक पहुँचाने का महोत्सव है. हमारा मध्यप्रदेश केवल एक भौगोलिक भूखण्ड मात्र नही है, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है. जिस प्रकार हृदय संपूर्ण शरीर में जीवन का संचार करता है, उसी प्रकार मध्यप्रदेश ने अपनी संस्कृति और सृजन से भारत के प्राणतत्व को सशक्त किया है. इसलिए आज के इस आयोजन को ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ की संज्ञा दी गई है.
सम्पूर्ण प्रदेश में रहा उत्सव और उमंग का माहौल
भारत के हृदय मध्यप्रदेश के गौरवशाली 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में उत्सव और उमंग का माहौल है. इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य की सांस्कृतिक, सामाजिक और विकास यात्रा को समर्पित तीन दिवसीय भव्य आयोजन का शुभारंभ एक नवम्बर, 2025 को लाल परेड ग्राउंड, भोपाल में हुआ. भव्य मंच, जगमगाती रोशनी और सतरंगी सुरीले सिलसिले के बीच इस उत्सव का आरंभ हुआ. यह आयोजन मध्यप्रदेश की उस समृद्ध विरासत, विविधता और प्रगति का उत्सव है, जिसने पिछले सात दशकों में राज्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है. समारोह की शुरुआत गरिमामय वातावरण में हुई, जहाँ संस्कृति, कला, संगीत और नवाचार के रंगों ने मध्यप्रदेश की पहचान को और उज्ज्वल बना दिया.
इस समारोह में लघु फिल्म-विकसित मध्यप्रदेश का प्रदर्शन हुआ. इसके बाद निवेश प्रोत्साहन यात्रा एवं उपलब्धियों पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया. साथ ही मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों एवं उपलब्धियों पर आधारित और invest.mp.gov.in पहल को प्रदर्शित करती फिल्म का प्रदर्शन किया गया. गर्व का अनुभव करवातीं इन फिल्मों के प्रदर्शन के बाद वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भ गवतगीता एवं अभ्युदय मध्यप्रदेश केंद्रित ज्ञान प्रतियोगिता पोर्टल/एप की लॉचिंग भी की गई.
न्यास द्वारा प्रकाशित युगयुगीन भारतवंशी और इंटैक संस्था द्वारा प्रकाशित जिओ हेरिटेज ऑफ उदयपुर, पुस्तक का लोकार्पण किया गया. मदन मोहन उपाध्याय द्वारा इसका संपादन किया गया हैं. इसके साथ ही आसमान की ऊंचाईंयों को छूती रंगारंग आतिशबाजी ने भी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया.
आसमान पर मध्य प्रदेश की प्राचीन विरासत से उज्ज्वल भविष्य की सतरंगी यात्रा
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी परिषद् द्वारा देश में पहली बार 2 हजार ड्रोन का भव्य शो आयोजित किया गया. ड्रोन के उड़ते ही आसमान में समृद्ध और सशक्त मध्यप्रदेश के जीवंत दृश्य नजर आने लगे. विरासत से विकास पर केन्द्रित इस ड्रोन शो महाकाल मंदिर, सिंहस्थ, अभ्युदय मध्यप्रदेश सहित 12 आकृतियां दर्शायी गईं. सर्वप्रथम मध्यप्रदेश के मानचित्र का निर्माण हुआ. इसके बाद प्राचीन विरासत, स्थापत्य विरासत कला विरासत, सांस्कृतिक विविधता स्वतंत्रता और संघर्ष, मध्यप्रदेश, कृषि से आत्मनिर्भरता से लेकर भविष्य की ओर बढ़ते मध्यप्रदेश के कदमों को मनमोहक और आकर्षक आकृतियों में उकेरा गया.
पहली बार संगीत, नृत्य और आध्यात्मिकता का दिव्य संगम
भव्य ड्रोन-शो के बाद समवेत संगीत प्रस्तुति “विश्ववन्द – श्रीकृष्ण की सांगीतिक यात्रा” का प्रदर्शन हुआ. यह मात्र एक संगीतमय प्रस्तुति नहीं, यह युगों-युगों से प्रवाहित हो रही भगवान श्रीकृष्ण की करुणा, स्नेह और आत्मज्ञान की अमर गाथा का एक अभूतपूर्व और विराट मंचन था. भारतीय सांस्कृतिक पटल पर पहली बार, यह आयोजन ऐसे भव्य और विशाल पैमाने पर आयोजित किया गया, जहाँ संगीत, नृत्य और आध्यात्मिकता की त्रिवेणी का संगम हुआ. इस प्रस्तुति का केंद्रीय भाव श्रीकृष्ण का करुणाकर स्वरूप है.
यह संपूर्ण प्रस्तुति श्रीकृष्ण के स्वयं द्वारा उच्चारित किए गए आत्म-वचनों पर आधारित थी, जिसे जीवंत बनाया संगीत की तीन महान धाराओं-भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत और विश्व संगीत ने. मंच पर 350 से अधिक प्रतिभाशाली गायक-गायिकाओं का विशाल कोरस (समवेत गान) हुआ, जिन्होंने एक साथ कृष्ण के लीला-छंदों और गीता के श्लोकों को अपनी मधुरम आवाज दी. इस कोरस को सहयोग दिया एक भव्य ऑर्केस्ट्रा ने, जिसने ध्वनि की अद्भुत और नई दुनिया रची जो सीधे श्रोताओं को दिव्य लोक में ले गई.
इस भव्य आयोजन की संकल्पना वीनस तरकसवार द्वारा की गई है. संगीत संयोजन एवं निर्देशन उमेश तरकसवार का है और नृत्य निर्देशन श्वेता देवेंद्र, क्षमा मालवीय और कविता शाजी द्वारा किया गया है. संगीत की इस भव्यता को 150 से अधिक शास्त्रीय नर्तक-नर्तकियाँ अपनी भाव-भंगिमाओं से मूर्तरूप दिया गया. इस नृत्य खंड में तीन प्रमुख भारतीय शास्त्रीय शैलियों – भरतनाट्यम (द्रविड़ियन ओज), कथक (उत्तरी भारत का नटखटपन और भाव) और मोहिनीअट्टम (केरल की लावण्यपूर्ण प्रस्तुति) का संगम देखने को मिला.
जुबिन की मखमली आवाज ने श्रोताओं पर किया जादू
संगीत के मधुरम ताने-बाने के बाद अवसर था एक ऐसे कलाकार को सुनने का, जिसकी आवाज न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर में पसंद की जाती है. एक सुरीला कलाकार जिसके भावपूर्ण गीतों ने श्रोताओं खासकर युवाओं पर जादू सा कर रखा है. अपने ग्रुप के साथ मंच संभाला सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक जुबिन नौटियाल, मुम्बई ने.
हजारों की संख्या में उपस्थित उनके चाहने वाले उन्हें देख खुश हो गए और उत्साह के साथ अपने-अपने गीतों को गाने की फरमाईश की. जुबिन ने भी मंच पर आते ही गीत से पूरे वातावरण में अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेर दिया. गीतों का यह सिलसिला देर रात तक लगातार जारी रहा.



