राजस्थान: रोडवेज की बसों में सुरक्षा के प्राइवेट से भी बदतर हाल, चौंका देगी रिपोर्ट

राजस्थान में कई जगहों पर चलती बसों में आग लगने की घटना के बाद से परिवहन विभाग एक्शन में है. पीछे की तरफ इमरजेंसी एग्जिट गेट और आग बुझाने के उपकरण नहीं होने पर प्राइवेट बसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन यही कमी सरकारी बसों में होने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. परिवहन विभाग अपनी बसों को लेकर आंख मूंदे हुए हैं.
राजस्थान रोडवेज द्वारा संचालित एसी बसों की रियलिटी चेक करने के लिए हमारी टीम जयपुर शहर में एसी बसों के डिपो में पहुंची. यहां बड़ी संख्या में एसी बसें खड़ी हुई थी, लेकिन किसी में भी पीछे की तरफ एग्जिट गेट नहीं था. कुछ में इमरजेंसी विंडो तो थी, लेकिन एक को छोड़कर किसी में नहीं खुला. इमरजेंसी विंडो में अंदर की तरफ सीटें लगी हुई थी. कई कोशिशें के बाद भी इमरजेंसी विंडो नहीं खुल सकी.
यात्रियों को भगवान भरोसे ही कराया जा रहा है सफर
स्लीपर बसों की किसी भी केबिन में कांच को तोड़ने का हैमर यानी हथौड़ा नहीं था. फायर एक्सटिंग्विशर जरूर रखे हुए थे, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि जरूरत पड़ने पर वह काम करने ही लगेंगे. रोडवेज की एसी बसों की हालत भी कमोवेश प्राइवेट बसों जैसी ही थी. यानी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं और यात्रियों को भगवान भरोसे ही सफर कराया जा रहा है.
हाईटेक बस में मिले सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम
हालांकि इसी डिपो में हमें एक ऐसी बस भी मिली जो ऐसी तो थी लेकिन स्लीपर के बजाय सीटर थी. यानी यात्री इसमें बैठकर सफर कर सकते हैं. इस हाईटेक बस में सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम मिले. इमरजेंसी विंडो भी खुल रही थी. उसके बाहर कोई सीट भी नहीं थी. आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम थे और साथ ही सुरक्षा को लेकर कई एडवांस व्यवस्थाएं भी थी.



