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उत्तराखंड: सीएम धामी ने धूमधाम से मनाया इगास पर्व, जानें क्या है परंपरा?


उत्तराखंड में धूमधाम से इगास पर्व मनाया गया है. शनिवार (1 नवबंर) को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस पर्व को मनाया है. सीएम धामी ने राज्य के लोगों को इगास पर्व की बधाई भी दी है. देहरादून स्थित सीएम आवास पर इगास महोत्सव मनाया गया है. 

इस दौरान राज्यपाल समेत कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की है. सीएम धामी ने रंगा-रंग कार्यक्रम के साथ इस महोत्सव में हिस्सा लिया है. इगास महोत्सव पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. जिसमें की कलाकारों ने शिरकत की है. 

क्या है इगास पर्व?

उत्तराखंड में दीपावली के 11वें दिन इगास पर्व जिसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है. इसको राज्य के लोगों के द्वारा मनाया जाता है. इस तरह से यह पर्व मनाने की परंपरा है. इगास पर्व पर नई युवा पीढ़ी को परंपरा व लोक संस्कृति से रूबरू कराया जाता है. इस दिन के मौके पर पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं. 

इसके साथ ही देवी-देवताओं की पूजा भी होती होती है. वहीं इस पर्व वाली रात में ढोल दमाऊं की धुन पर पारंपरिक भैलो डांस भी खेला जाता है. इस पर्व की खास बात यह है कि इस पर आतिशबाजी नहीं की जाती है. इस पर्व को पहाड़ी लोग भव्य रूप से मनाते हैं. पहाड़ी गांवों से भैलो डांस के लिए चीड़ के छील, पारंपरिक वाद्य यंत्र मंगवाएं जाते हैं.

पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने पर्व पर क्या बताया?

पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने इस पर्व को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया “उत्तराखंड में इगास का पर्व धूमधाम से मनाया गया इसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जब रावण से युद्ध जीतकर अयोध्या लौटे तो उसे वक्त दिवाली मनाई गई थी. 

हलांकि उत्तराखंड के लोगों को यह जानकारी 11 दिन के बाद मिली. जिस पर उत्तराखंड के लोगों ने इसे दिवाली के रूप में ही मनाना शुरू कर दिया और इसे बूढ़ी दिवाली का नाम दिया गया. वहीं इसको इगास पर्व भी कहा जाता है. इसको कुमाऊं ओर गढ़वाल में धूम धाम से मनाया जाता है. आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया इस मौके पर एबीपी न्यूज ने वहां मौजूद तमाम लोगों से बातचीत भी की है.

AZMI DESK

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