दिल्ली में 27 करोड़ की ड्रग्स बरामद, पूर्व कस्टम अधिकारी निकला अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सरगना

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक सनसनीखेज खुलासे में अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का पर्दाफ़ाश किया है. इस गिरोह का सरगना कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि पूर्व कस्टम अधिकारी रोहित कुमार शर्मा उर्फ रोबिट निकला है. उसके पास से 21.512 किलो हाइड्रोपोनिक मारिजुआना बरामद हुई है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 27.24 करोड़ है. पुलिस ने आरोपी से 44.42 लाख नकद, एक महंगी SUV और एक स्कूटी भी जब्त की है.
दिल्ली पुलिस की टीम को खुफिया जानकारी मिली थी कि जनक सिनेमा के पास थाईलैंड से आई हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की खेप पहुंचने वाली है. दिल्ली पुलिस ने टीम निगरानी में जाल बिछाया और आरोपी रोहित शर्मा को रंगे हाथ पकड़ा.
बर्खास्त होने के बाद दुबई गया आरोपी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक रोहित शर्मा जो कभी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में इंस्पेक्टर था. आरोपी 2019 में कन्नूर एयरपोर्ट पर 3 किलो सोना तस्करी के केस में पकड़ा गया था. बाद में NDPS केस में भी उसका नाम आया और 2023 में विभाग से बर्खास्त कर दिया गया.
बर्खास्तगी के बाद रोहित दुबई चला गया, जहां उसने बिहार निवासी अभिषेक के साथ मिलकर थाईलैंड-भारत-दुबई कनेक्शन वाला एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क खड़ा किया. गिरोह ने हवाई मार्ग से नशे की खेप भारत लाने के लिए गुवाहाटी जैसे कम जांच वाले एयरपोर्ट चुने. कस्टम विभाग के अंदरूनी संपर्कों की मदद से ड्रग म्यूल्स कैरीयर को बिना जांच के क्लियर कराया जाता था.
कैसे होता था तस्करी का बड़ा खेल
थाईलैंड से भेजे गए ड्रग्स को खाने-पीने के पैकेट में छिपाया जाता था. दिल्ली पहुंचने के बाद ये खेप हाई-प्रोफाइल पार्टियों, विदेशी छात्रों और संपन्न ग्राहकों तक पहुंचाई जाती थी. कमाई को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई भेजा जाता था ताकि पैसों का ट्रैक न लगे.
क्या है हाइड्रोपोनिक मारिजुआना
यह Ocean-Grown Weed (OG) के नाम से मशहूर एक सुपर-हाई ग्रेड ड्रग है. जिसमें THC की मात्रा 30-40 प्रतिशततक होती है . यानी आम गांजे से लगभग 10 गुना ज्यादा नशा देने वाली. इसे अमीर तबके के पार्टी सर्किट में क्लास ड्रग के रूप में जाना जाता है.
दिल्ली पुलिस की जांच जारी
आरोपी फिलहाल पुलिस रिमांड में है. पुलिस उसके कस्टम विभाग से जुड़े साथियों, दुबई के फंड चैनल और भारत में फैले खरीदारों की पहचान कर रही है. दिल्ली पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपियों का इस सिंडिकेट में और कितने लोग शामिल हैं.



