जम्मू-कश्मीर के विधायकों की होगी बल्ले-बल्ले, वेतन और भत्तों में हो सकता है इतना इजाफा

जम्मू-कश्मीर के विधायकों को जल्द ही बड़ा लाभ मिलने वाला है, क्योंकि विधायकों की सैलरी और भत्तों में बदलाव और पूर्व विधायकों को पेंशन बेनिफिट्स की जांच के लिए बनी हाउस कमेटी ने उनकी सैलरी, भत्तों और दूसरे फायदों में भारी बढ़ोतरी की सिफारिश की है.
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर द्वारा गठित रिवीजन कमेटी ने विधायकों को हर महीने मिलने वाली रकम को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने, पेंशन में काफी बढ़ोतरी करने, हाउसिंग लोन को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये और कार एडवांस को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की सिफारिश की है.
कमेठी में यह विधायक हैं सदस्य
बीजेपी विधायक सुरजीत सिंह सलाथिया की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में अली मोहम्मद सागर (NC), गुलाम अहमद मीर (कांग्रेस), सज्जाद गनी लोन (पीपल्स कॉन्फ्रेंस), हसनैन मसूदी (NC), मोहम्मद फैयाज (PDP), पीरजादा फारूक अहमद शाह, अर्जुन सिंह राजू (दोनों NC) और मुजफ्फर इकबाल खान (निर्दलीय विधायक) सदस्य थे.
पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्रियों और विपक्ष के नेता की सैलरी बढ़ाने के लिए जरूरी बदलाव किए जाएं. कमेटी ने प्रस्ताव दिया कि जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमंडल के सदस्यों के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1960 में संशोधन किया जाए ताकि विधायकों की सैलरी 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये की जा सके.
इसके अलावा, उन्हें 1.10 लाख रुपये का निर्वाचन क्षेत्र वाहन भत्ता, 30,000 रुपये का टेलीफोन भत्ता, 20,000 रुपये का चिकित्सा भत्ता, 30,000 रुपये का सत्कार भत्ता और 30,000 रुपये का सचिवालय सहायता भत्ता दिया जाए, जो कुल मिलाकर मौजूदा 1.5 लाख रुपये के मुकाबले 3 लाख रुपये प्रति माह होगा.
हाउसिंग लोन और मोटर कार नियमों में भी संशोधन का भी प्रस्ताव
कमेटी ने विधायकों के लिए हाउसिंग लोन और मोटर कार नियमों में भी संशोधन का प्रस्ताव दिया है ताकि हाउसिंग लोन को बढ़ाकर 75 लाख रुपये और कार एडवांस को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जा सके.
इसने यह भी सिफारिश की है कि विधायकों के पर्सनल असिस्टेंट को मौजूदा 12,000 रुपये प्रति माह के बजाय 25,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाना चाहिए. पूर्व विधायकों की पेंशन पर, कमेटी ने पूर्व विधायकों के लिए हर महीने 1.10 लाख रुपये की पेंशन और भत्ते का प्रस्ताव दिया.
पैनल ने मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्रियों और विपक्ष के नेता की सैलरी को आनुपातिक रूप से रिवाइज करने के लिए अलग-अलग एक्ट और संबंधित नियमों में बदलाव का सुझाव दिया. कमेटी ने सर्वसम्मति से अनुशंसा की कि प्रस्तावित बदलाव 1 नवंबर, 2024 से लागू होने चाहिए. यानी जिस तारीख से मौजूदा सदस्यों को उनकी सैलरी और भत्ते मिलना शुरू हुए थे.
विधायकों के भत्ते में बढ़ोतरी की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार, चर्चा के दौरान, कमेटी ने पाया कि जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाके और दूसरे संबंधित फैक्टर्स को देखते हुए, विधायकों को अभी जो भत्ते दिए जा रहे हैं, वे काफी नहीं हैं और उनमें उचित बढ़ोतरी की जरूरत है, खासकर निर्वाचन क्षेत्र वाहन भत्ता में, जो मुख्य रूप से एक विधायक के काम से जुड़े अलग-अलग खर्चों को पूरा करने के लिए होता है.
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट सदन से मंजूर होने के बाद ही सरकार मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्रियों और विपक्ष के नेता, विधायकों की सैलरी और भत्ते और पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने के लिए जरूरी बदलावों का प्रस्ताव देगी.



