जम्मू-कश्मीर में इतने लाख से पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

जम्मू और कश्मीर सरकार ने राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं की संख्या बताई है. सरकार ने कहा है कि सितंबर 2025 तक केंद्र शासित प्रदेश में कुल 3,61,146 पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा रजिस्टर्ड हैं. जिसमें राजधानी श्रीनगर सबसे ऊपर है. कश्मीर डिवीजन में 2.08 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं, जबकि जम्मू डिवीजन में 1.52 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हैं.
सदन के सामने रखे गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, श्रीनगर जिले में 23,826 रजिस्टर्ड बेरोजगार युवाओं के साथ यह सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद अनंतनाग (32,298), पुलवामा (28,671), कठुआ (26,798) और कुलगाम (21,446) हैं.
आंकड़ों पर एक नजर
आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम रजिस्ट्रेशन किश्तवाड़ (8,870) और रियासी (12,376) जिलों में दर्ज किए गए. आंकड़े बताते हैं कि कुल बेरोजगारों में से 2,33,845 पुरुष और 1,27,301 महिलाएं हैं.
सरकार ने कहा कि रोजगार विभाग, मिशन यूथ-मिशन युवा के तहत, जम्मू और कश्मीर के शिक्षित युवाओं के बीच स्वरोजगार, स्टार्टअप और कौशल विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 1.37 लाख उद्यमिता इकाइयों की स्थापना के माध्यम से 4.25 लाख नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि जिला-स्तरीय रोजगार और परामर्श केंद्र युवाओं की भागीदारी, नवाचार और आजीविका जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए करियर मेले और रोजगार मेले भी आयोजित कर रहे हैं.
युवाओं की भागीदारी में गिरावट
आर्थिक गतिविधि में युवाओं की भागीदारी में गिरावट विकास और प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है और यह दिखाने वाले मुख्य संकेतक कि युवा पीछे छूट रहे हैं, वह है युवा बेरोजगारी दर, जो जम्मू और कश्मीर में बहुत ज्यादा है. जम्मू और कश्मीर में युवा बेरोजगारी दर 17.4% दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत 10.2% से कहीं ज्यादा है.
मिशन युवा (युवा उद्यमी विकास अभियान) के तहत बेसलाइन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में कुल बेरोजगारी दर 6.7% है, जो राष्ट्रीय औसत 3.5% से लगभग दोगुनी है, जिसमें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2023-24 का हवाला दिया गया है.
इन जिलों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर
जिलेवार, राजौरी में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 9.3% है, इसके बाद अनंतनाग 8.7% पर है. इसके उलट, जम्मू और श्रीनगर में बेरोजगारी दर क्रमशः 3.3% और 5.9% है, जबकि सांबा में सबसे कम बेरोजगारी दर 3% है.
जम्मू-कश्मीर की इकॉनमी खेती पर आधारित होने से बदलकर सर्विस-डोमिनेटेड स्ट्रक्चर वाली हो गई है, जिसमें एग्रीकल्चर का योगदान 2004-05 में 28.06% से घटकर 2022-23 में 16.91% हो गया है.
इंडस्ट्रियल ग्रोथ रुकी हुई है, जबकि सर्विस सेक्टर बढ़कर इकॉनमी में 63.57% का योगदान दे रहा है, जो मॉडर्नाइजेशन, इंडस्ट्रियल एक्सपेंशन और सर्विस-सेक्टर-ड्रिवन एंटरप्रेन्योरशिप की जरूरत को दिखाता है.



